बिहार : रॉकी यादव के पिता बिंदी सलाख़ों के पीछे, लेकिन मिलिए गया के कुछ और बाहुबलियों से...

बिहार : रॉकी यादव के पिता बिंदी सलाख़ों के पीछे, लेकिन मिलिए गया के कुछ और बाहुबलियों से...

बच्चू यादव

गया, बिहार:

गया के एपी कॉलोनी में बिंदी यादव के घर को सील कर दिया गया है। विधानसभा चुनाव में एक बार उम्मीदवार रहे यादव को अपने बेटे रॉकी को फरार करवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। रॉकी पर आदित्य सचदेव नाम के युवा की हत्या का आरोप है। बिहार की विधायक और बिंदी की पत्नी मनोरमा देवी की भी पुलिस को तलाश है।

बिंदी यादव को बिहार का कुख्यात बाहुबली कहा जाता है और इस छवि के पीछे की कहानी उनके पुराने साथी बच्चू यादव के घर पर देखने को मिल जाती है। 90 के दशक में इन्हें बच्चू-बिंदी गैंग के नाम से जाना जाता था। ज़मीन हथियाना, जबरन की वसूली, अपहरण जैसे कामों में इन्हें महारत थी। लेकिन फिर एक वक्त आया जब बिहार के क्राइम कंट्रोल एक्ट के तहत इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

गलत और सही राह
अपने घर में कुछ हट्टे-कट्टे आदमियों से घिरे बैठे बच्चू का दावा है कि उन पर लगे चार्ज आज नहीं तो कल हटा लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उनके रास्ते बिंदी से तब अलग हो गए जब उन्हें पता चला कि वह (बिंदू) 'सही राह' पर नहीं चल रहा है। जब उनसे पूछा गया कि 'गलत रास्ता' क्या है तो जवाब में बच्चू ने बिंदी के आपराधिक घटनाओं का ज़िक्र किया। बिंदी यादव पर करीब 17 धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं - इनमें सबसे गंभीर 2011 में माओवादी संगठनों को हथियार सप्लाई का मामला है।

यादव परिवारों से घिरे
इनके अलावा बिंदी के पड़ोस में लालू के एक और शिष्य रहते हैं जिनका नाम है सुरेंद्र यादव - यह आरजेडी से छह बार विधायक रह चुके हैं। कुछ लोगों का कहना है कि लालू से नज़दीकियों की वजह से ही सुरेंद्र इतनी बार उम्मीदवारी हासिल करने में कामयाब रहे हैं, वरना गंभीर आरोपों से घिरे यादव के लिए यह मुमकिन नहीं था। स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता जैनेंद्र कुमार कहते हैं कि 2002 में अकाउंटेंट अतुल प्रकाश के अपहरण मामले में सुरेंद्र मुख्य आरोपी थे। बताया जाता है कि सुरेंद्र ने प्रकाश को अपने घर पर कथित तौर पर प्रताड़ित किया था। सुरेंद्र ने बिंदी यादव के बारे में ज्यादा बात करने में रुचि नहीं दिखाई।

उन्होंने बताया कि 'इस मोहल्ले में करीब 355 यादव परिवार रहते हैं। यहां कोई और जाति नहीं रहती। बिंदी यहीं के हैं। अगर मैंने उनके बारे में कुछ भी कहा तो अच्छा नहीं लगेगा।' जहां तक आरोपों की बात है तो सुरेंद्र ने साफ कहा कि उनके केस अभी चल रहे हैं। अपने घर से बाहर सुरेंद्र ने एक भिखारी को पचास का नोट दिखाया और उससे पूछा "तुमने मुझे पहचाना?' जवाब मिला - हां बिल्कुल, तुम्हारी वजह से ही तो मुझे कुछ खाने को मिल जाता है।


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