कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra)ने कहा है कि उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए लखनऊ जाने से रोक दिया गया था कि उनकी पत्नी (कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ) ठीक और अच्छी तरह से हैं. रॉबर्ट ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि उनकी पत्नी को अभी तक वकील से मिलने नहीं दिया गया है. रॉर्ब वाड्रा ने फेसबुक पर लिखा, 'मुझे यह पता करने के लिए कि मेरी पत्नी अच्छी तरह से है, लखनऊ जाने से रोक दिया गया. यह विश्वास से परे है और मैं हैरान हूं. आखिर प्रियंका (Priyanka Gandhi Vadra) को Indian Penal Code के सेक्शन के तहत कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है. मेरी कल बात हुई और उन्होंने बताया कि उन्हें अब तक कोई ऑर्डर या नोटिस नहीं दिया गया है. '
रॉबर्ट ने लिखा, ''''न्यायिक अधिकारी (judicial officer)के समक्ष पेश नहीं किया गया, वकील से मिलने की इजाजत नहीं दी गई. मैं वास्तव में उनके लिए चिंतित हूं...लखनऊ जाने के लिए बैग पैक किया तब बताया गया कि मुझे एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. गौरतलब है कि प्रियंका गांधी वाड्रा को सोमवार को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वे रविवार की हिंसा में किसानों की मौत के बाद लखीमपुर खीरीज जाने की कोशिश कर रही थीं. प्रियंका ने आरोप लगाया है कि उन्हें अवैध तरीके से सीतापुर के पुलिस कंपाउंड (लखीमपुर से करीब 50 किमी दूर) में रखा गया है और पिछले दो दिनों ने न तो एफआईआर की कॉपी और न ही कानूनी नोटिस नहीं दिया गया है.
प्रियंका की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'जिस समय मुझे अरेस्ट किया गया, मैं सीतापुर जिले में यात्रा कर रही थी जो कि लखीमपुरी खीरी जिले की सीमा से करीब 20 KM दूर है जहां धारा 144 लागे थी. मेरी जानकाीर के अनुसार, सीतापुर में धारा 144 लागू नहीं थी.बहरहाल, मैं, चार अन्य लोगों के साथ एक वाहन पर यात्रा कर रही थी, इसमें दो स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता के अलावा दीपेंद्र हुड्डा और संदीप सिंह थे. इन चार लोगों के अलावा कोई सुरक्षा वाहन या कांग्रेस कार्यकर्ता मेरे साथ नहीं था.इसके बाद मुझे दो महिला और दो पुरुष कांस्टेबल की साथ सीतापुर के PAC कंपाउंड ले जाया गया.इसके बाद मुझे दो महिला और दो पुरुष कांस्टेबल की साथ सीतापुर के PAC कंपाउंड ले जाया गया.पांच अक्टूबर की शाम 6.30 बजे तक मुझे किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है, इस बारे में यूपी पुलिस या प्रशासन की ओर से जानकारी नहीं दी गई है. ' प्रियंका के बयान में कहा गया है, 'मुझे न तो कोई ऑर्डर या नोटिस दिया गया है, न ही मुझे एफआईआर दिखाई गई है. मैंने सोशल मीडिया पर एक पेपर कए एक हिस्सा देखा है जिसमें उन्होंने 11 लोगों का नाम दिया है, इसमें से 8 तो मेरी गिरफ्तारी के समय मौजूद भी नहीं थे. तथ्य यह है कि इन्होंने उन दो लोगों के नाम भी दिए हैं जो चार अक्टूबर की दोपहर को लखनऊ से मेरे कपड़े लेकर लाए थे. यहीं नहीं, मुझे न तो मजिस्ट्रेट या किसी अन्य न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश किया गया है. मुझे अपने कानूनी सलाहकार से भी मिलने नहीं दिया गया. '
रॉबर्ट ने कहा, 'यह निश्चित रूप से हैरान करने वाला है कि पति के तौर पर मैं जाकर अपनी पत्नी का समर्थन भी नहीं कर सकता. शुक्र की बात है कि उन्हें (प्रियंका को) बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिल रहा है....जहां तक मेरी बात है, मेरे लिए परिवार और पत्नी पहले आती है. मैं उम्मीद और प्रार्थना करता हूं कि उन्हें जल्द रिहा कर दिया जाएगा और वे सुरक्षित वापस लौटेंगी. '
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