बिहार (Bihar) में शराबबंदी के ऊपर राजनीति तेज हो गई है. जहाँ एक और मुख्य मंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) शराबबंदी को सफल बनाने के लिए प्रशासन को हर दिन शराब माफिया के ख़िलाफ़ कारवाई तेज करने के निर्देश देते हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही असल शराब माफिया कह डाला.
तेजस्वी आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने मुख्य मंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने मंत्री रामसूरत राय से अब तक न तो इस्तीफा लिया है और न ही उसे बर्खास्त किया है, जबकि उनके भाई की ज़मीन पर चल रहे एक स्कूल से पिछले साल बड़ी मात्रा में शराब ज़ब्त हुई थी. तेजस्वी ने कहा कि राज्य में शराब माफिया पर कार्रवाई की बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं लेकिन असलियत में ऐसा नहीं होता.
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तेजस्वी के आरोप पर रामसूरत राय ने भी माना है कि जिस ज़मीन पर ये स्कूल चल रहा है, वो उनके भाई की है लेकिन उनका कहना है कि शराब का कारोबार करने वाले उस स्कूल के संचालक से इकरारनामा भी था.
तेजस्वी ने मुख्य मंत्री नीतीश कुमार पर दागी लोगों को मंत्रिमंडल में रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि अशोक चौधरी को भी उन्होंने मंत्री बनाया, जबकि सीबीआई की चार्जशीट में ये प्रमाण है कि चौधरी अपनी पत्नी की कंपनी की ओर से बैंक की बैठक में भाग लेने गए थे. बावजूद इसके उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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तेजस्वी ने कहा कि नीतीश अब सबसे कमजोर, बेबस और मजबूर मुख्य मंत्री साबित हो रहे हैं. उनका कहना था कि गृह विभाग अपने पास रखने के बावजूद सच है कि उनके ख़ुद के पूर्व पुलिस महानिदेशक ने माना था कि थाने के लोग शराब के अवैध कारोबार में लगे हैं.
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