
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
अशोक सिंह 1995 में बिहार में विधायक निर्वाचित हुए
उन्होंने प्रभुनाथ सिंह को हराया था
इस जीत के 90 दिन बाद ही उनकी हत्या हो गई
अशोक सिंह 1995 में बिहार में मशरक निर्वाचन क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे. उन्होंने प्रभुनाथ सिंह को हराया था. इस चुनावी जीत के 90 दिन बाद ही उनकी हत्या कर दी गई. 1995 में प्रभुनाथ सिंह जनता दल में थे और बाद में वह जनता दल (युनाइटेड) शामिल हो गए. मौजूदा समय में वह राजद में हैं.
अशोक सिंह के भाई तारकेश्वर सिंह ने मीडिया को बताया कि उनके भाई ने 1995 में प्रभुनाथ सिंह को चुनाव में हरा दिया था. इसके बाद प्रभुनाथ ने खुले तौर पर कहा था कि अशोक सिंह के विधायक बनने के 90 दिनों के भीतर उसकी हत्या कर दी जाएगी और 90 दिन बाद 3 जुलाई, 1995 को पटना में उनके सरकारी आवास में बम मार कर उनकी हत्या कर दी गई. अशोक सिंह की हत्या के बाद उनकी पत्नी चांदनी देवी ने प्रभुनाथ सिंह और उनके दो भाइयों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था. इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बिहार से झारखंड की हजारीबाग अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं