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This Article is From Oct 10, 2019

जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की आवाजाही पर दो महीने से जारी प्रतिबंध हटा

जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों के आवाजाही पर पिछले दो महीने से जारी प्रतिबंध हटा लिया गया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से जारी की गई सूचना में लिखा है कि पर्यटकों को हर जरूरी मदद मुहैया कराई जाएगी.

  • अनुच्छेद 370 हटाए जाने के दौरान लगा था प्रतिबंध
  • अब पर्यटक जा सकेंगे जम्मू-कश्मीर
  • अभी कई जगहों पर इंटरनेट सेवा नहीं
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नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की आवाजाही पर पिछले दो महीने से जारी प्रतिबंध हटा लिया गया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से जारी की गई सूचना में लिखा है कि पर्यटकों को हर जरूरी मदद मुहैया कराई जाएगी. हालांकि मिल रही जानकारी के मुताबिक अभी कई जगहों पर इंटरनेट सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं.  वहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पांच अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से हिरासत में लिये गये तीन नेताओं को रिहा कर दिया है.  अधिकारियों ने बताया कि यावर मीर, नूर मोहम्मद और शोएब लोन को विभिन्न आधारों पर रिहा किया गया है. मीर राफियाबाद विधानसभा सीट से पूर्व विधायक रह चुके हैं, जबकि लोन ने कांग्रेस के टिकट से उत्तर कश्मीर से चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने बाद में कांग्रेस छोड़ दी थी. उन्हें पीपुल्स कॉन्फ्रेंस प्रमुख सज्जाद लोन का करीबी माना जाता है. नूर मोहम्मद नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ता हैं. 

अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि रिहा किए जाने से पहले नूर मोहम्मद एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर शांति बनाए रखने एवं अच्छे व्यवहार का वादा करेंगे. इससे पहले राज्यपाल प्रशासन ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इमरान अंसारी और सैयद अखून को स्वास्थ्य कारणों से 21 सितंबर को रिहा किया था.  गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र सरकार के पांच अगस्त के फैसले के बाद नेताओं, अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों समेत हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था. इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री- फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं. करीब 250 लोग जम्मू-कश्मीर के बाहर जेल भेजे गए. फारुक अब्दुल्ला को बाद में लोक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया जबकि अन्य नेताओं को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत हिरासत में लिया गया. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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