जोधपुर (Jodhpur) में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) के छात्र विक्रांत नगाइच (Vikrant Nagaich) की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केस को सीबीआई (CBI) को ट्रांसफर करने की छात्र की मां की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है. कोर्ट ने मामले की जांच करने वाली राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) की केस को बंद करने के लिए फाइनल रिपोर्ट पर नाराजगी जताई.
जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान पुलिस को दो महीने में जांच पूरी करने के आदेश दिए थे. इससे पहले सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच की याचिका पर राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पहले वह राजस्थान पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगेगा.
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र विक्रांत का शव 14 अगस्त 2017 को मंडोर रेलवे स्टेशन की पटरी के पास पाया गया था. छात्र के पिता ने इसे हत्या का मामला बताया, लेकिन अभी तक मामले की जांच पूरी नहीं हुई है. इसके बाद छात्र की मां ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की है.
छात्र की मौत के मामले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट नाराज, राजस्थान सरकार को दो माह की मोहलत
उधर, NLSIU के पूर्व कुलपति प्रो (डॉ) आर वेंकट राव ने NLSIU बैंगलोर को CLAT2020 से हटाने और NLAT 2020 परीक्षा आयोजित करने के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि एक अलग परीक्षा आयोजित करने का "एकतरफा फैसला" CLAT 2020 के उम्मीदवारों के लिए नुकसानदायक है और ये उनके मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है. 'नेशनल लॉ एप्टीट्यूड टेस्ट' (NLAT) नामक नई परीक्षा 12 सितंबर को ऑनलाइन आयोजित किए जाने के लिए प्रस्तावित है.
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