70वें गणतंत्र पर फीका रहेगा मध्यप्रदेश के लोक-कलाकारों का 34वां लोकरंग

गणतंत्र दिवस के मौके पर पिछले 33 सालों से आयोजित होने वाले लोकरंग के रंग इस बार थोड़े फीके हैं. वजह कई कलाकारों को न्यौता देने के बाद उनका निमंत्रण सरकार ने बगैर कारण बताए रद्द कर दिया.

70वें गणतंत्र पर फीका रहेगा मध्यप्रदेश के लोक-कलाकारों का 34वां लोकरंग

कमलनाथ सरकार में जानिए क्यों मध्यप्रदेश के लोक-कलाकारों का 34वां लोकरंग फीका रहेगा.

नई दिल्ली:

गणतंत्र दिवस के मौके पर पिछले 33 सालों से आयोजित होने वाले लोकरंग के रंग इस बार थोड़े फीके हैं. वजह कई कलाकारों को न्यौता देने के बाद उनका निमंत्रण सरकार ने बगैर कारण बताए रद्द कर दिया. हर साल लगभग 400 लोक कलाकर इसमें अपनी कलाकृतियों का रंग बिखरेते थे, लेकिन इस बार पवन गंगवाल जैसे कलाकारों को सरकार ने पहले 10 जनवरी को न्योता भेजा हफ्ते भर बाद बिना वजह बताए उसे निरस्त कर दिया. मेले के लिये पवन ने बाज़ार से ढाई तीन लाख का कर्ज लेकर माल तैयार किया अब परेशान हैं कि पैसे कैसे चुकाएंगे. काफी सारा माल तैयार कर लिया, छोटे गरीब लोग हैं साल भर में एक मेला करते हैं लेकिन फिर से चिठ्ठी आई 18 तारीख को मेले में अपरिहार्य कारणों से भाग लेने नहीं आना है, मेरा काफी नुकसान हो गया. 10 फरवरी के बाद लोग आने लगेंगे पैसा दो ... कहां से लाऊंगा बहुत नुकसान हो गया.

यह भी पढ़ेंNDTV की खबर का असर: कमलनाथ सरकार ने किसानों की मदद के लिए बनाया कंट्रोल रूम, शिकायत के बाद लिया फैसला

धार के मोहम्मद युसूफ को भी ढाई तीन लाख का नुकसान हो गया. बाघ प्रिंट का काम करते हैं, उन्हें भी नहीं पता कि सरकार ने आखिरकार निमंत्रण देकर मना क्यों कर दिया ढाई से तीन लाख का नुकसान हो गया. कुक्षी से लगभग 20 स्टॉल लगते थे, सबका मिलाकर 40-50 लाख का नुकसान हो गया. कांग्रेस कह रही है कि अफसरों ने मनमानी की, वहीं बीजेपी को सरकार को घेरने का मौका मिल गया है. कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने कहा मुझे अफसोस है कमलनाथ जी को भावना है कि लोक कलाकारों को आगे लाना है, बेरोज़गार को काम देना है इस बार उस बात का ध्यान नहीं रखा है. उन्होंने ( अफसरों ने ) जो माननीय मुख्यमंत्रीजी की भावना के विपरीत काम कर रहे हैं और अगर हमारी जो कांग्रेस की भावना के अनुरुप काम नहीं कर रहे उनपर कार्रवाई होनी चाहिये.

वहीं बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा जिस तरह से लोकरंग की शुरुआत हुई थी अपने आप में जन जन के रंग के हिसाब से कोशिश हुई थी लेकिन लगातार जिस तरह से सौदेबाजी हुई अपने आप में कलाकारों का घोर अपमान हुआ है बीजेपी मांग करती है कि उनके सम्मान का, जो स्थान है उनका वो मिलना चाहिये. भोपाल में 33 सालों से गणतंत्र दिवस के मौके पर लोकरंग का आयोजन हो रहा है, जिसमें लोकसंस्कृति, सामुदायिक एकता के कई रंग देखने को मिलते हैं.

वीडियो- मध्य प्रदेश में बदहाल हैं अस्पताल 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com