डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलीजेंस ने इन अफवाहों का खंडन किया है कि उन्होंने इत्र कारोबारी यूपी के पीयूष जैन के पास से पिछले सप्ताह छापेमारी में बरामद करीब ₹ 197.49 कैश और 23 किलो गोल्ड (अनुमानित कीमत करीब 11 करोड़ ) के लिए कुछ ले-देकर मामला निपटाने की पेशकश की थी.डीजीजीआई ने कहा कि उसकी ओर से बरामद कैश और संपत्ति को जैन के परफ्यूमरी कंपाउंड मैन्युफेक्चरिंग यूनिट का टर्नओवर मानने संबंधी रिपोर्ट पूरी तरह से अटकलों पर आधारित और वास्तविकता से परे है. यह जांच को कमजोर करने की कोशिश है .
डीजीजीआई ने इसके साथ ही जैन के इस दावे को भी खारिज किया है कि उससे टैक्स बकाया के रूप में 52 करोड़ रुपये देकर मामले का रफादफा करने बात कही गई थी. जैन को टैक्स चोरी के लिए गिरफ्तार कियाा गया है और उसके पास से बरामद राशि को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कंस्टम्स की सबसे बड़ी बरामदगी बताया जा रहा है. डीजीजीआई के बयान में कहा गया है, ' मीडिया के कुछ वर्गों में आई रिपोर्टों में कहा गया है कि DGGI ने बरामद कैश को मैन्युफेक्चरिंग यूनिट (विनिर्माण इकाई ) के टर्नओवर के रूप में मानने और इसके मुताबिक आगे बढ़ने का फैसला किया है. कुछ में तो यह भी कहा गया कि डीजीजीआई की मंजूरी के बाद अपने दायित्व (liability) को स्वीकार करते हुए पीयूष जैन ने 52 करोड़ रुपये की राशि जमा भी कर दी है. '
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