वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया पर टिप्पणी की थी.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबड़े की आलोचना करने वाले 21 अक्टूबर के अपने ट्वीट में 'गलती' पर खेद जताया है. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रधान न्यायाधीश को विशेष हेलीकॉप्टर मुहैया कराए जाने की आलोचना की थी. भूषण ने कहा था, "कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने विशेष हेलीकॉप्टर की सेवा ली, वह भी ऐसे वक्त में जब दल-बदल करने वाले मध्य प्रदेश के विधायकों की अयोग्यता का मुकदमा उनके समक्ष लंबित है. मध्य प्रदेश सरकार का टिके रहना इस मुकदमे पर निर्भर है."
हालांकि भूषण ने अपने इस ट्वीट पर चार नवंबर को खेद जताया. उन्होंने ट्वीट किया है, "मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़ कर शिवराज (सिंह चौहान) सरकार में मंत्री बनने वाले कांग्रेस विधायकों की सीटों पर कल मतदान हुआ. शिवराज सरकार का टिके रहना इन विधायकों के पुन:निर्वाचन पर निर्भर है, उनके मंत्री पद को चुनौती देने वाली प्रधान न्यायाधीश की अदालत में लंबित याचिका के फैसले पर नहीं. मैं नीचे के ट्वीट में अपनी गलती पर खेद प्रकट करता हूं."
4 नवंबर को, मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक याचिका का निपटारा किया, जिसमें कांग्रेस के कुछ विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही का मुद्दा उठाया गया था, जो भाजपा में शामिल हो गए थे और मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री नियुक्त किए गए थे। बता दें कि सीजेआई पर एक और टिप्पणी करने पर प्रशांत भूषण को दोषी ठहराया जा चुका है और उन्हें एक रुपया का जुर्माना अदा करना पड़ा है.
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