मुम्बई एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखड़े (Sameer Wankhede) की शिकायत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने शुक्रवार को अहम निर्देश दिया. आयोग ने मुंबई पुलिस को समीर वानखेड़े की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने को कहा है. आईपीसी के सेक्शन 186, 211,499,503,508 और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.
इससे पहले, आयोग ने समीर वानखेड़े की शिकायत पर गृह मंत्रालय के सचिव, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और महाराष्ट्र के डीजीपी को नोटिस भेजा था, लेकिन इनमें से कोई भी आयोग के सामने पेश नहीं हुआ.
दरअसल, 26 अक्टूबर 2021 को समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस में शिकायत की थी. मुम्बई पुलिस ने जांच के लिए एसआईटी बनाई थी. आरोप है कि एसआईटी ने समीर वानखेड़े के खिलाफ ही जांच शुरू कर दी. उनकी शिकायत पर कोई केस भी दर्ज नहीं किया. कमीशन ने एसआईटी भंग करने का निर्देश दिया है.
समीर वानखेड़े ने शिकायत में बताया था कि उन्होंने एक रेड की थी, जिसमें महाराष्ट्र के एक मंत्री का दामाद और एक फ़िल्म स्टार का बेटा पकड़ा गया था. वो म्हार समुदाय से आते हैं इसलिए उन्हें उसके बाद धमकियां मिल रही हैं. उनकी जाति को लेकर सवाल खड़े किए गए. मामले की अगली सुनवाई 7 मार्च को होगी.
बता दें कि आर्यन खान मामले के सिलसिले में वानखेड़े सुर्खियों में रहे हैं और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने उन पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र देने का आरोप लगाया था. एनसीएससी हालांकि वानखेड़े की इस शिकायत की जांच कर रहा है कि उन्हें एक झूठे मामले में फंसाया गया है.
मलिक ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े एक मुसलमान हैं और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद अनुसूचित जाति को मिलने वाले आरक्षण के तहत आईआरएस की नौकरी पाने के लिए जाति प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेजों के साथ फर्जीवाड़ा किया.
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