यह ख़बर 23 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कर्नाटक में भी रेड्डी बंधुओं के खनन की जांच करेगी सीबीआई

खास बातें

  • सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को गिरफ्तार खनन कारोबारी जी. जनार्दन रेड्डी पर कर्नाटक में अवैध खनन के लगे आरोपों की भी जांच करने का निर्देश दिया।
नई दिल्ली:

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को गिरफ्तार खनन कारोबारी जी. जनार्दन रेड्डी पर कर्नाटक में अवैध खनन के लगे आरोपों की भी जांच करने का निर्देश दिया। रेड्डी द्वारा आंध्र प्रदेश में अवैध खनन किए जाने की जांच सीबीआई पहले ही कर रही है। ज्ञात हो कि आंध्र प्रदेश में अवैध खनन के आरोपों के चलते कर्नाटक के पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी हैदराबाद की एक जेल में हैं। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बीएस येदियुरप्पा की नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहे रेड्डी ने हमेशा कहा कि उनका खनन कारोबार केवल आंध्र प्रदेश तक सीमित है और उनका कर्नाटक में खनन का कारोबार नहीं है। सीबीआई ने गत पांच सितम्बर को आंध्र प्रदेश में अवैध खनन के आरोप में बेल्लारी से रेड्डी के साथ ओबुलापुरम खनन कम्पनी के प्रबंध निदेशक बीवी श्रीनिवास रेड्डी को गिरफ्तार किया। दोनों इस समय हैदराबाद की चंचलागुडा जेल में हैं। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्देश केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीइसी) की उस रिपोर्ट के बाद दिया है जिसमें समिति ने कहा है कि कर्नाटक में एसोसिएटेड माइनिंग कम्पनी पर रेड्डी और उनकी पत्नी का मालिकाना हक है जो राज्य में अवैध खनन में संलिप्त है। इस समिति की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय ने की है। इसके अलावा प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सीबीआई को एस.एम. जैन की स्वामित्व वाली डेक्कन माइनिंग सिंडिकेट की खनन गतिविधियों की जांच करने के भी निर्देश दिए हैं। सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्देश का कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने स्वागत किया है।


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