नई दिल्ली:
नरेंद्र मोदी को भाजपा चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के दूसरे दिन पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने वाले लालकृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के आग्रह के बाद अपना त्यागपत्र अस्वीकार करने संबंधी पार्टी के निर्णय को स्वीकार कर लिया।
आडवाणी के निवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने यह जानकारी दी। हालांकि इस संवाददाता सम्मेलन में आडवाणी उपस्थित नहीं थे।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी और उपाध्यक्ष उमा भारती की उपस्थिति में राजनाथ सिंह ने कहा कि पार्टी की ओर से उन्होंने आडवाणी को आश्वासन दिया है कि भाजपा की कार्यप्रणाली को लेकर उनकी सभी चिंताओं पर उचित तरीके से ध्यान दिया जाएगा।
सिंह ने कहा कि आडवाणी की पार्टी की कार्यप्रणाली से संबंधित सभी चिंताओं पर वह उनसे बातचीत के जरिये समाधान का प्रयास करेंगे।
मोहन भागवत ने दोपहर आडवाणी से बात करके उनसे आग्रह किया था कि वह भाजपा संसदीय बोर्ड के निर्णय का सम्मान करें और राष्ट्रहित में पार्टी के मार्गदर्शक बने रहें।
राजनाथ के अनुसार आडवाणी ने भागवत की इस सलाह को स्वीकार करने का फैसला किया।
गौरतलब है कि सोमवार सुबह आडवाणी द्वारा पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिए जाने के बाद देर शाम हुई पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में इसे सर्वसम्मति से अस्वीकार कर दिया गया था।
आडवाणी के निवास पर हुए संवाददाता सम्मेलन में स्वयं उनके उपस्थित नहीं होने के बारे में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में भाजपा अध्यक्ष ने दलील दी कि चूंकि यह संवाददाता सम्मेलन उनका है, इसलिए उन्होंने स्वयं आडवाणी से कहा कि वह इसमें शामिल नहीं हों क्योंकि यह शिष्टाचार के विरुद्ध होगा।
आडवाणी के निवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने यह जानकारी दी। हालांकि इस संवाददाता सम्मेलन में आडवाणी उपस्थित नहीं थे।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी और उपाध्यक्ष उमा भारती की उपस्थिति में राजनाथ सिंह ने कहा कि पार्टी की ओर से उन्होंने आडवाणी को आश्वासन दिया है कि भाजपा की कार्यप्रणाली को लेकर उनकी सभी चिंताओं पर उचित तरीके से ध्यान दिया जाएगा।
सिंह ने कहा कि आडवाणी की पार्टी की कार्यप्रणाली से संबंधित सभी चिंताओं पर वह उनसे बातचीत के जरिये समाधान का प्रयास करेंगे।
मोहन भागवत ने दोपहर आडवाणी से बात करके उनसे आग्रह किया था कि वह भाजपा संसदीय बोर्ड के निर्णय का सम्मान करें और राष्ट्रहित में पार्टी के मार्गदर्शक बने रहें।
राजनाथ के अनुसार आडवाणी ने भागवत की इस सलाह को स्वीकार करने का फैसला किया।
गौरतलब है कि सोमवार सुबह आडवाणी द्वारा पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिए जाने के बाद देर शाम हुई पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में इसे सर्वसम्मति से अस्वीकार कर दिया गया था।
आडवाणी के निवास पर हुए संवाददाता सम्मेलन में स्वयं उनके उपस्थित नहीं होने के बारे में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में भाजपा अध्यक्ष ने दलील दी कि चूंकि यह संवाददाता सम्मेलन उनका है, इसलिए उन्होंने स्वयं आडवाणी से कहा कि वह इसमें शामिल नहीं हों क्योंकि यह शिष्टाचार के विरुद्ध होगा।
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