समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में मध्यप्रदेश पुलिस से नहीं मिला कोई सहयोग : पू्र्व SIT प्रमुख

समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में मध्यप्रदेश पुलिस से नहीं मिला कोई सहयोग : पू्र्व SIT प्रमुख

नई दिल्ली:


हरियाणा सरकार ने साल 2007 के समझौता एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट मामले की जांच का जिम्मा एसआईटी के जिस पूर्व प्रमुख को सौंपा था, उन्होंने सोमवार को कहा कि उनके नेतृत्व वाली टीम के इंदौर पहुंचने पर मध्य प्रदेश पुलिस से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला था।

एसआईटी के पूर्व प्रमुख विकास नारायण राय ने बताया कि उनका भी शुरुआत में मानना था कि विस्फोट एक पाकिस्तानी आतंकी संगठन का काम है, जिसे प्रतिबंधित संगठन 'सिमी' से मदद मिली है।

हालांकि, अपराध को अंजाम देने वाले द्वारा इस्तेमाल में लाए गए विस्फोटकों के विस्तृत अध्ययन से जाहिर होता है कि यह पदार्थ उन पदार्थों के समान नहीं था, जिनका इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा या सिमी जैसे संगठन करते हैं। आगे की जांच उन्हें हिंदू दक्षिणपंथी धड़े के संदिग्धों की ओर ले गई।

उन्होंने बताया, 'हमारी जांच हमें इंदौर ले गई जहां सूटकेस (विस्फोटक रखने में इस्तेमाल) खरीदी गई थी। बाजार के विस्तृत सर्वेक्षण पर हमने पाया कि अन्य सामग्री भी उसी स्थान से खरीदी गई थी।

उन्होंने कहा कि दुखद बात यह है कि हम जिस तरह का सहयोग स्थानीय पुलिस से चाहते थे वह नहीं मिला और इसके चलते हमें मामले के पीछे मौजूद समूचे रहस्य को सुलझाने में कुछ वक्त लग गया।

उन्होंने बताया कि सुनिल जोशी की हत्या मामले को ढकने की एक कोशिश थी। आगे की जांच एसआईटी को इस निष्कर्ष तक ले गई कि हिंदू कट्टरपंथी मामले में शामिल थे।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


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