यह ख़बर 19 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

पीएम ने चॉपर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार होने की बात कही, टीम इटली रवाना

खास बातें

  • हेलीकॉप्टर घोटाले को संसद में उठाए जाने के लिए विपक्ष के तैयार खड़े होने के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। वहीं, सीबीआई और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम कथित दलाली के बारे में सबूत जुटाने के लिए इटली रवा
नई दिल्ली:

हेलीकॉप्टर घोटाले को संसद में उठाए जाने के लिए विपक्ष के तैयार खड़े होने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। वहीं, सीबीआई और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम कथित दलाली के बारे में सबूत जुटाने के लिए इटली रवाना हो गई है।

सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार भारतीय वीवीआईपी को यात्रा कराने के लिए 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद को लेकर की गई 3600 करोड़ रुपये के इस सौदे से पैदा हुए विवाद पर बहस करने से नहीं शर्माएगी।

सिंह ने इस ‘घोटाले’ को लेकर संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने की विपक्ष की धमकी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हम हमेशा बैठा करते हैं। चर्चा की गुंजाइश है। संसद चर्चा के लिए मंच है। हम सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।’’

राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम से इतर प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से बात करते हुए यह बात कही। इस कार्यक्रम का आयोजन जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता इला भट्ट को इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण एवं विकास पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए किया गया था।

उधर, भाजपा और वाम दलों ने कहा है कि वह संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे को उठाएगी और सरकार से जवाब मांगेगी।

सीबीआई और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम के इटली रवाना होने के मद्देनजर प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी आई है। इटली में ही फिनमेकैनिका प्रमुख ग्यूसेप ओर्सी और अगस्ता वेस्टलैंड के सीईओ बुर्नो स्पागनोलीनी के बीते मंगलवार को गिरफ्तार होने के बाद यह कथित घोटाला उजागर हुआ था।

रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यहां बताया कि टीम विदेश मंत्रालय के इतालवी अधिकारियों से बात करेगी, इस मामले में अधिक से अधिक सबूत जुटाने के लिए टीम फिनमेकैनिका सहित विक्रेताओं और एजेंसियों से पूछताछ करेगी।

संयुक्त सचिव और एक्वीजीशन मैनेजर (एयर) अरुण कुमार बल रक्षा टीम में रक्षा मंत्रालय का नेतृत्व कर रहे हैं।

इस बीच, विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि जांच कई स्तरों पर जारी है और इस सिलसिले में इतालवी अदालतों से ब्योरा मांगने के लिए अनुरोध पत्र सर्वश्रेष्ठ और मजबूत तरीका है।

खुर्शीद ने कहा कि भारत सरकार इतालवी अधिकारियों से ठोस सामग्री हासिल करने में सक्षम नहीं हो पाई है और यहां से सीबीआई का एक दल इटली में मिलान गया है ताकि मामले के बारे में सामग्री और विवरण हासिल कर सके।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी अदालतों को उन्हें जारी करना है और उनका इतालवी अदालतों को निराकरण करना है। लेकिन यह (अनुरोध पत्र) सर्वश्रेष्ठ और सबसे मजबूत तरीका हमारे पास उपलब्ध है और उम्मीद है कि वह काम करेगा।’’

अनुरोध पत्र किसी तरह की न्यायिक सहायता के लिए विदेशी अदालतों से किया जाने वाला औपचारिक अनुरोध होता है। खुर्शीद ने कहा, ‘‘हम इतालवियों से ठोस सामग्री हासिल कर पाने में सक्षम नहीं हो सके हैं। अब तक उन्होंने जो कुछ भी किया है हमने उसपर प्रतिक्रिया व्यक्त की है और जवाब दिया है। लेकिन इस बिंदु तक उन्होंने कुछ भी संकेत नहीं दिया है। वे हमसे कुछ भी साझा करने में अक्षम हैं।’’

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी क्योंकि भारत से सीबीआई दल वहां विवरण हासिल करने के लिए गया हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी टीम वहां सूचना हासिल करने और सामग्री हासिल करने के लिए गई है जिसका विश्लेषण उसके आने के बाद किया जा सकता है।’’ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की यहां की यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठाये या ना उठाये जाने के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा, ‘‘मालूम नहीं। मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।’’ अगस्ता वेस्टलैंड ब्रिटेन आधारित कंपनी है।

खुर्शीद ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि एक हफ्ते पहले बैठक का क्या कार्यक्रम था। मैं इस बारे में नहीं जानता कि क्या कार्यक्रम में संशोधन किया गया है। मुझे लगता है कि कार्यक्रम काफी पहले तय होता है क्योंकि यह दोनों पक्षों को साझा किया जाता है और आप आगंतुक गणमान्य व्यक्ति को हैरत में नहीं डाल सकते।’’

उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि कितना परामर्श हुआ है। और यह अनिवार्य रूप से उनके स्तर की चीज नहीं हो सकती क्योंकि कई स्तर हैं जहां जांच हो रही है तथा यह सिर्फ समय आने पर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचेगा। यह इस स्तर पर नहीं हो सकता। जैसा कि मैंने कहा है कि मुझे संशोधित कार्यक्रम के बारे में जानकारी नहीं है।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि सरकार ने इस मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय की आंतरिक जांच पर संसद को अंधेरे में रखा।

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वाम दलों ने अगस्ता वेस्टलैंड के साथ सौदे को रद्द करने की मांग की है। गौरतलब है कि 12 में तीन हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति हो चुकी है।