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This Article is From Feb 05, 2021

RBI Monetary Policy: वित्तवर्ष 2020-21 में GDP में 10.5% वृद्धि का अनुमान, RBI ने नहीं किया मुख्य दरों में बदलाव

RBI MPC Meet: रिजर्व बैंक गवर्नर ने आगामी वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 10.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा रकि साल 2021 की शुरुआत में ही आर्थिक वृद्धि को लेकर परिदृश्य सकारात्मक हुआ है, और अर्थव्यवस्था पुनरूद्धार के संकेत मजबूत हुए हैं. दास ने कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में आ गयी है.

MPC Meet Updates: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कमेटी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है.

मुंबई:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अपनी द्विमासिक समीक्षा बैठक में किसी तरह के ब्याज दरों में बदलाव से इनकार कर दिया है. कमेटी ने रेपो रेट (Repo Rate) चार फीसदी पर बरकरार रखा है. बजट पेश होने के बाद MPC की यह पहली बैठक थी. बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कमेटी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. 

रिजर्व बैंक गवर्नर ने आगामी वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 10.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि साल 2021 की शुरुआत में ही आर्थिक वृद्धि को लेकर परिदृश्य सकारात्मक हुआ है और अर्थव्यवस्था पुनरूद्धार के संकेत मजबूत हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि विकास को मजबूत किया जाय. दास ने कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में आ गयी है.

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केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा, "भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिये मौद्रिक नीति में उदार रुख को बरकरार रखा गया है."

मुद्रास्फीति के बारे में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ने कहा कि निकट भविष्य में सब्जियों के दाम नरम बने रहने की उम्मीद है. इसको देखते हुए खुदरा मुद्ररस्फीति चालू तिमाही में कम होकर 5.2 प्रतिशत पर आने की संभावना है. वहीं अगले वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में घटकर 4.3 प्रतिशत पर रह सकती है. उन्होंने कहा कि वृद्धि परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और टीकाकरण अभियान से आर्थिक पुनरूद्धार को गति मिलेगी.

दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में सुधरकर 10.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2021-22 के बजट की घोषणा के बाद आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने कहा था कि अगले वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 10 से 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि सरकार मार्च अंत तक मुद्रास्फीति लक्ष्य की समीक्षा करेगी.

आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति को सालाना महंगाई दर 31 मार्च 2021 तक 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी गयी हुई है.

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बता दें कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय MPC की बैठक बुधवार 3 फरवरी को शुरू हुई थी. तीन दिन की बैठक के बाद एमपीसी के फैसलों की आज घोषणा की गई. रिजर्व बैंक पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में  कुल 1.15 फीसदी की कटौती कर चुका है लेकिन पिछली तीन बैठकों में भी रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.  मौजूदा समय में रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है. रेपो रेट पर आरबीआई बैंकों को लघु अवधि का लोन देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट पर बैंक अपनी जमा धनराशि रिजर्व बैंक के पास जमा कराते हैं.

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