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This Article is From Oct 12, 2019

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का अजीब तर्क, कहा- एक दिन में करोड़ों कमा रहीं फिल्में तो फिर कैसी मंदी?

देश के आर्थिक हालात और मंदी पर सरकार और विपक्ष के अपने-अपने तर्क हैं लेकिन क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंदी को लेकर अजीबोग़रीब तर्क दिया है.

मुंबई:

देश के आर्थिक हालात और मंदी पर सरकार और विपक्ष के अपने-अपने तर्क हैं लेकिन क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने मंदी को लेकर अजीबोग़रीब तर्क दिया है. मुंबई में मीडिया से मुख़ातिब होते हुए उन्होंने 2 अक्टूबर को रिलीज़ हुई बॉलीवुड की 3 फ़िल्मों का ज़िक्र किया. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2 अक्टूबर को तीनों फ़िल्मों ने एक दिन में 120 करोड़ रुपए कमाए हैं तो फिर आर्थिक सुस्ती कहां है?  जबकि  मालूम हो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी कुछ दिन पहले कहा थी कि भारत और ब्राजील में आर्थिक सुस्ती साफ तौर पर दिखाई दे रही है.

रविशंकर प्रसाद ने बेरोजगारी पर राष्‍ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की रिपोर्ट को भी गलत बताया. इसमें कहा गया था कि साल 2017 में बेरोजगारी की दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा रही.  प्रसाद ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग योजनाबद्ध तरीके से सरकार के खिलाफ लोगों को बेरोजगारी की स्थिति के बारे में गुमराह कर रहे हैं.

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प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "दो अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश के दिन तीन हिंदी फिल्मों ने 120 करोड़ रुपये की कमाई है. यदि अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं होती तो केवल तीन फिल्में एक दिन में 120 करोड़ रुपये का कारोबार कैसे करतीं?"

केंद्रीय मंत्री भाजपा के चुनाव प्रचार के लिये मुंबई पहुंचे थे. महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधान सभा के लिये मतदान होना है. एनएसएसओ की रिपोर्ट पर प्रसाद ने कहा, "मैं आपको 10 मापदंड बता सकता हूं जहां अर्थव्यस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन एनएसएसओ की रिपोर्ट में इनमें से किसी को नहीं दिखाया गया है. इसलिए मैं इस रिपोर्ट को गलत कहता हूं."
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जिर्जीवा ने हाल में कहा कि दुनिया की 90 प्रतिशत अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है.  भारत और ब्राजील जैसे देशों पर इसका असर साफ नजर आ रहा है. 

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जिर्जीवा के बयान के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, "भारत को लेकर मुद्राकोष का अनुमान अभी अधूरा है. यह नहीं भूलना चाहिए कि जब मनमोहन सिंह सत्ता में थे तो भारत 11वें पायदान पर था; आज हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यस्था हैं. हमने फ्रांस को भी पछाड़ दिया है."

प्रसाद ने अर्थव्यवस्था में गिरावट की धारणा को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा, "इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण, सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र, मुद्रा लोन और वाणिज्यिक सेवा क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. हमने कभी नहीं कहा था कि हम सबको सरकारी नौकरी देंगे." उन्होंने कहा, "कुछ लोग सरकार के खिलाफ मोर्चा बनाकर बेरोजगारी के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं."

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प्रसाद की अर्थव्यवस्था के लेकर टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब विश्व प्रतिस्पर्धा सूचकांक रिपोर्ट में भारत का स्थान दस पायदान नीचे आ गया. दूसरी तरफ औद्योगिक सूचकांक अगस्त माह में 1.1 प्रतिशत नीचे आ गया जो कि पिछले सात साल के दौरान सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा है. प्रतिस्पर्धा सूचकांक के बारे में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘आप नवोन्मेष, स्टार्ट अप और बाजार आकार मापदंडों को देखिये, हम सबमें सुधार ला रहे हैं. यह सच है कि कुछ अन्य मापदंडों में हम नीचे आये हैं.'' (इनपुट-भाषा)

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