
चेन्नई:
तमिलनाडु की महिला आयोग की प्रमुख ने एक विवादास्पद बयान दे डाला है। राज्य महिला आयोग की प्रमुख डॉ. वी. नेदुंचेजियन ने मद्रास हाई कोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें अदलात ने बलात्कार के दोषी को पीड़िता के साथ शादी के लिए मध्यस्थता करने के निर्देश दिए थे। आयोग ने इस कदम का विरोध नहीं करने का निर्णय किया गया है।
डॉ. वी. नेदुंचेजियन ने कहा, 'हमें इस बात से बेहद खुशी होगी अगर अपराधी और पीड़ित लड़की साथ-साथ खुशी से रहें। यही हमारा उद्देश्य है।'
जब उनसे पूछा गया कि क्या एक रेप पीड़िता से अपने बलात्कारी के साथ शादी करने की उम्मीद करना उचित है, उन्होंने कहा, 'इस मामले में सही या गलत का कोई प्रश्न ही नहीं है। अगर लड़की के पास अपने जीवन यापन के लिए संसाधन नहीं हैं, तो वो चाहे तो उसके साथ रह सकती है।' यहां मुख्य मुद्दा है सहनशीलता।'
वकील एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता गीता रामसेशन ने कहा, 'यह सरकार की रूढ़ीवादी मानसिकता को दिखाता है।'
दोषी मोहन ने पीड़िता के साथ साल 2008 में बलात्कार किया था। उस वक्त लड़की नाबालिग थी और उसकी उम्र 15 साल थी। अब मोहन के ही 6 साल की बेटी की मां बन चुकी पीड़िता ने कहा, 'केवल अपनी बेटी के लिए मुझे अभी भी उससे शादी करने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन उसके परिवार को अपनी संपत्ति का कम से कम एक हिस्सा मेरी बेटी के नाम करना होगा। क्योंकि अगर उसने मुझे छोड़ दिया तो मैं कुछ भी नहीं कर सकती।' उसने बताया कि केस की सुनवाई के दौरान उसके परिवार ने दोषी से मध्यस्थता करने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बन पाई थी।
मामले में फैसला सुनाने वाले जस्टिस पी देवदास ने दोषी को मध्यस्थता के लिए जमानत भी दे दी। उनके फैसले के अनुसार, 'बच्ची हालात की मारी है और समझौते के लिए यह बिल्कुल सही मामला है।' पश्चिम में ऐसे मामलों के वैकल्पिक समाधान तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने ऐसे की एक फैसले का उदाहरण देते हुए बातया कि वह मामला सुखद अंत की ओर बढ़ रहा है।'
बीच-बचाव करने वाले कई लोगों ने मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखकर कहा है कि रेप के मामलों में इस तरह की मध्यस्थता कतई स्वीकार्य नहीं है। 'द प्रज्ञा ट्रस्ट' की संस्थापक डॉ. स्वर्णा राजगोपालन ने कहा, 'ये किस तरह की शादी है? एक ऐसे शख्स के साथ रहने से क्या हासिल होगा, जिसने पीड़िता को ऐसी मानसिक क्षति पहुंचाई हो? मुझे नहीं लगता कि ये कोई सुखत अंत है।'
हालांकि राज्य महिला आयोग की प्रमुख डॉ. वी. नेदुंचेजियन कहती हैं, 'इस मामले में चूंकि फैसला आ चुका है, तो वो भाग नहीं सकता। इसलिए मुझे लगता है इस मामले में थोड़ी गारंटी है।
डॉ. वी. नेदुंचेजियन ने कहा, 'हमें इस बात से बेहद खुशी होगी अगर अपराधी और पीड़ित लड़की साथ-साथ खुशी से रहें। यही हमारा उद्देश्य है।'
जब उनसे पूछा गया कि क्या एक रेप पीड़िता से अपने बलात्कारी के साथ शादी करने की उम्मीद करना उचित है, उन्होंने कहा, 'इस मामले में सही या गलत का कोई प्रश्न ही नहीं है। अगर लड़की के पास अपने जीवन यापन के लिए संसाधन नहीं हैं, तो वो चाहे तो उसके साथ रह सकती है।' यहां मुख्य मुद्दा है सहनशीलता।'
वकील एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता गीता रामसेशन ने कहा, 'यह सरकार की रूढ़ीवादी मानसिकता को दिखाता है।'
दोषी मोहन ने पीड़िता के साथ साल 2008 में बलात्कार किया था। उस वक्त लड़की नाबालिग थी और उसकी उम्र 15 साल थी। अब मोहन के ही 6 साल की बेटी की मां बन चुकी पीड़िता ने कहा, 'केवल अपनी बेटी के लिए मुझे अभी भी उससे शादी करने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन उसके परिवार को अपनी संपत्ति का कम से कम एक हिस्सा मेरी बेटी के नाम करना होगा। क्योंकि अगर उसने मुझे छोड़ दिया तो मैं कुछ भी नहीं कर सकती।' उसने बताया कि केस की सुनवाई के दौरान उसके परिवार ने दोषी से मध्यस्थता करने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बन पाई थी।
मामले में फैसला सुनाने वाले जस्टिस पी देवदास ने दोषी को मध्यस्थता के लिए जमानत भी दे दी। उनके फैसले के अनुसार, 'बच्ची हालात की मारी है और समझौते के लिए यह बिल्कुल सही मामला है।' पश्चिम में ऐसे मामलों के वैकल्पिक समाधान तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने ऐसे की एक फैसले का उदाहरण देते हुए बातया कि वह मामला सुखद अंत की ओर बढ़ रहा है।'
बीच-बचाव करने वाले कई लोगों ने मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखकर कहा है कि रेप के मामलों में इस तरह की मध्यस्थता कतई स्वीकार्य नहीं है। 'द प्रज्ञा ट्रस्ट' की संस्थापक डॉ. स्वर्णा राजगोपालन ने कहा, 'ये किस तरह की शादी है? एक ऐसे शख्स के साथ रहने से क्या हासिल होगा, जिसने पीड़िता को ऐसी मानसिक क्षति पहुंचाई हो? मुझे नहीं लगता कि ये कोई सुखत अंत है।'
हालांकि राज्य महिला आयोग की प्रमुख डॉ. वी. नेदुंचेजियन कहती हैं, 'इस मामले में चूंकि फैसला आ चुका है, तो वो भाग नहीं सकता। इसलिए मुझे लगता है इस मामले में थोड़ी गारंटी है।
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