New Delhi:
लगभग पांच घंटे की मशक्कत के बाद भी सरकार और बाबा रामदेव के बीच शनिवार को रामदेव द्वारा उठाई गई मांगों पर कोई समझौता नहीं हो सका। रामदेव ने कहा है कि वह योजना के मुताबिक, शनिवार से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे। एक होटल में दोनों पक्षों के बीच हुई बैठक के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दों पर रचनात्मक बातचीत हुई और वह इस प्रगति से बहुत खुश हैं, लेकिन इन मुद्दों का समाधान एक दिन में नहीं हो सकता। रामदेव ने सिब्बल और सुबोध कांत सहाय के साथ बातचीत के बाद कहा, हम अब तक किसी समझौते पर नहीं पहुंचे हैं और मैं कल से अनशन पर बैठूंगा। इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूरे घटनाक्रम के बारे में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को जानकारी दी। सिब्बल ने कहा कि सरकार ने बाबा के सुझावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और उन्हें आशा है कि रामदेव वही करेंगे, जो सही होगा। हालांकि उनसे जब पूछा गया कि क्या योग गुरू भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे पर अनशन करने जा रहे हैं, तो उन्होंने न तो इसकी पुष्टि की और न ही इसे खारिज किया। सिब्बल ने कहा, हमारी कई मुद्दों पर रचनात्मक बातचीत हुई और सरकार ने उन सभी मुद्दों पर ध्यान दिया है, जो बाबा ने लिखित में उठाए हैं। इनमें से ज्यादातर मुद्दे राष्ट्रीय महत्व के हैं और सरकार उनमें से कई पर बात कर चुकी है। सिब्बल ने कहा, हमने कहा है कि ये मुद्दे आज या एक दिन में नहीं सुलझ सकते क्योंकि इनके दूरगामी असर होंगे। हमने उनके सुझावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और स्वामीजी वही करेंगे, जो सही होगा। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच काले धन, भ्रष्टाचार, लोकपाल, भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों, कृषि भूमि अधिग्रहण और चिकित्सा समेत दूसरे पेशेवर पाठ्यक्रमों में हिंदी भाषा के उपयोग पर बात हुई। रामदेव से बातचीत के बाद सिब्बल ने इस बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी, जिसके बाद वह सहाय के साथ इस बारे में प्रणव मुखर्जी को जानकारी देने गए। इसके पहले बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में अपने हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, एक-दो मुद्दों को छोड़कर, हमारे और सरकार के बीच सहमति बनती दिख रही है। उन्होंने दावा किया कि उनका अनशन न तो राजनीति और न ही सांप्रदायिकता से प्रेरित है और न ही उनका कोई गुप्त एजेंडा है, जैसा कुछ धड़ों द्वारा बताया जा रहा है। रामदेव ने कहा कि उनका आंदोलन राष्ट्रीय हित को देखते हुए है। रामदेव ने कहा, हमारा आंदोलन किसी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। हम उदासीन हैं, किसी पार्टी या संगठन से प्रायोजित नहीं हैं और सभी धर्मों और जातियों के लोग हमसे जुड़ रहे हैं। हम सभी पार्टियों से अपील करते हैं कि वे हमारे साथ आएं।
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