यह ख़बर 07 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'बाबा अगर शर्त मानते तो मैं उनके साथ मंच पर बैठता'

खास बातें

  • हजारे ने कहा कि काले धन के मुद्दे पर यदि रामदेव मंच पर किसी राजनेता को नहीं बुलाने की उनकी शर्त मान लेते तो वह भी उनके साथ अनशन पर बैठते।
नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में आंदोलन चला रहे और बुधवार को राजघाट पर सत्याग्रह करने वाले अन्ना हजारे ने कहा कि काले धन के मुद्दे पर यदि बाबा रामदेव मंच पर किसी राजनेता को नहीं बुलाने की उनकी शर्त मान लेते तो वह भी उनके साथ अनशन पर बैठते। अन्ना ने चैनल लाइव इंडिया के एक विशेष कार्यक्रम में कहा कि वह भी रामदेव के साथ अनशन पर बैठना चाहते थे लेकिन योगगुरु ने उनकी शर्त नहीं मानी इसलिए वो नहीं आए। चैनल की विज्ञप्ति के अनुसार अन्ना हजारे ने रामदेव के सामने शर्त रखी थी कि अगर मंच पर किसी भी राजनीतिक दल के नेता को नहीं बुलाया जाए तो वह उनके साथ अनशन पर बैठेंगे लेकिन रामदेव ने उनकी शर्त नहीं मानी। गौरतलब है कि रामदेव के अनशन में साध्वी ऋतंभरा के शामिल होने को लेकर काफी आरोप लगे हैं। ऋतंभरा को भाजपा और संघ का करीबी माना जाता है। अन्ना हजारे ने चैनल से बातचीत में कहा कि यदि सरकार ने मॉनसून सत्र में 15 अगस्त तक लोकपाल विधेयक को पारित नहीं किया तो वह 16 अगस्त से जंतर-मंतर पर फिर से अनशन करेंगे। अन्ना ने कहा कि जब केंद्र सरकार के चार बड़े मंत्री बाबा रामदेव को लेने हवाईअड्डे गए थे तभी समझ में आ गया था कि कुछ गड़बड़ जरूर होगी और इसलिए रामदेव को उन्होंने सलाह दी थी कि संभलकर कदम उठाएं। उन्होंने चैनल के संपादक से बातचीत में कहा कि पहले उन्हें मारने की साजिश रची जा चुकी है जो नाकाम रही और अभी भी उनकी जान को खतरा है।


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