यह ख़बर 11 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

राम जेठमलानी का निलंबन रद्द होने के संकेत

खास बातें

  • भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से इस्तीफा देने को कहने और सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति पर पार्टी के रुख की खुली आलोचना करने के लिए राम जेठमलानी को दल से निलंबित करने के निर्णय को वापस लिया जा सकता है।
नई दिल्ली:

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से इस्तीफा देने को कहने और सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति पर पार्टी के रुख की खुली आलोचना करने के लिए राम जेठमलानी को दल से निलंबित करने के निर्णय को वापस लिया जा सकता है।

जेठमलानी की पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और गडकरी से मुलाकात के बाद उनका निलंबन समाप्त करने के संकेत मिले हैं।

गडकरी के पूर्ती उद्योग समूह में निवेश की अनियमितताओं के आरोपों पर जेठमलानी ने सार्वजनिक रूप से यह कहा था कि पाक साफ साबित होने तक उन्हें अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहिए।

भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘आडवाणी और गडकरी से मुलाकात के दौरान जेठमलानी ने भाजपा की विचारधारा में अपनी पक्की आस्था होने की बात कही है और केन्द्र की सत्ता में पार्टी के आने की कामना की है।’

शाहनवाज ने बताया कि उक्त भेंट में जेठमलानी ने पार्टी की विचारधारा में आस्था रखने संबंधी पत्र भी सौंपा। उन्होंने कहा, ‘मामले पर अब भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में विचार किया जाएगा।’

जेठमलानी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने आडवाणी और गडकरी से भेंट की है, लेकिन इससे अधिक कुछ बताने से इनकार कर दिया।

यह पूछे जाने पर कि बैठक में क्या हुआ, वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ‘नेताओं से पूछिए... मैं तो महज़ सेवादार हूं।’

इस सवाल पर कि क्या उनके निलंबन को वापस लिया जाएगा, उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि ऐसा होगा। ऐसा होना चाहिए।’

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पार्टी अध्यक्ष की आलोचना करने और रंजीत सिन्हा को सीबीआई का निदेशक बनाए जाने के पार्टी के विरोध को गलत बताए जाने पर उन्हें 26 नवंबर को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।