राम मंदिर पर बोले राकेश सिन्हा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अलग-अलग राजनेताओं के बयानों में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir) की कवायद तेज होती दिख रही है. हालांकि, अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, मगर इस पर बीजेपी से उलट संघ काफी मुखर है. यही वजह है कि जो लोग संघ या बीजेपी से राम मंदिर निर्माण का सवाल पूछते हैं, संघ विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा (Rakesh Sinha) ने उन सभी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर वे प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे तो क्या उन्हें समर्थन मिलेगा? बता दें कि राम मंदिर पर बुधवार को संघ ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर कानून बनाना चाहिए ठीक उसी तरह जैसे सरदार वल्लभभाई पटेल ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था.
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राज्यसभा सांसद और संघ विचारक राकेश सिन्हा ने गुरुवार को ट्वीट किया और राम मंदिर पर बीजेपी और संघ को घेरने वाले लोगों को आड़े हाथों लिया. राकेश सिन्हा ने ट्वीट किया- जो लोग बीजेपी और आरएसएस को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख बताए, उनसे सीधा सवाल है कि क्या वे मेरे प्राइवेट मेंबर बिल का समर्थन करेंगे? उन्होंने आगे लिखा कि समय आ गया है दूध का दूध और पानी का पानी करने का. इस ट्वीट में राकेश बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यागव, सीताराम येचुरी, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और चंद्रबाबू नायडू को भी टैग किया है. यानी सवाल उन्हीं से है.
इसी बीच राम मंदिर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि वे (BJP) सोचते हैं कि भगवान राम उन्हें 2019 का चुनाव जिता देंगे. मगर चुनाव जीतने में ईश्वर मदद नहीं करेंगे क्योंकि वोट जनता करती है, भगवान राम या अल्लाह वोट नहीं करेंगे.
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दरअसल, राम मंदिर निर्माण की बात बीजेपी के घोषणा पत्र में भी है और जिन मुद्दों के सहारे बीजेपी सत्ता में आई, उनमें से एक प्रमुख अयोध्या में राम मंदिर का मामला भी है. बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि जब वह सत्ता में आएगी, राम मंदिर बनवाएगी. मगर साढ़े चार साल होने के बाद भी राम मंदिर न बनने पर विपक्ष अक्सर चुटकी लेते रहता है. कई दलों के नेता राम मंदिर के निर्माण की तारीख को लेकर बीजेपी को घेरते रहे हैं.
राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण करने और कानून बनाए जाने की जरूरत: RSS
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि अगले साल जनवरी से उचित पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगी. इसके बाद विवादित स्थल पर मंदिर के जल्द निर्माण के लिए कानून बनाए को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और आरएसएस के भीतर से मांग उठने लगी है. कांग्रेस कह चुकी है कि सभी पक्षों को न्यायालय के आदेश का पालन करना चाहिए.
VIDEO: मिशन 2019 : क्या कानून से बनेगा राम मंदिर?
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राज्यसभा सांसद और संघ विचारक राकेश सिन्हा ने गुरुवार को ट्वीट किया और राम मंदिर पर बीजेपी और संघ को घेरने वाले लोगों को आड़े हाथों लिया. राकेश सिन्हा ने ट्वीट किया- जो लोग बीजेपी और आरएसएस को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख बताए, उनसे सीधा सवाल है कि क्या वे मेरे प्राइवेट मेंबर बिल का समर्थन करेंगे? उन्होंने आगे लिखा कि समय आ गया है दूध का दूध और पानी का पानी करने का. इस ट्वीट में राकेश बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यागव, सीताराम येचुरी, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और चंद्रबाबू नायडू को भी टैग किया है. यानी सवाल उन्हीं से है.
उन्होंने एक और ट्वीट किया- क्या राहुल गांधी, सीताराम येचुरी, लालू यादव और मायावती अयोध्या में राम मंदिर पर प्राइवेट मेंबर बिल का समर्थन करेंगे. वे लगातार संघ और बीजेपी से लगातार कहते हैं कि तारीख नहीं बताएंगे. मगर अब जवाब देने की बारी आपकी है.जो लोग @BJP4India @RSSorg को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख़ बताए उनसे सीधा सवाल क्या वे मेरे private member bill का समर्थन करेंगे ? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का .@RahulGandhi @yadavakhilesh @SitaramYechury @laluprasadrjd @ncbn
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) November 1, 2018
Will @RahulGandhi @SitaramYechury @laluprasadrjd Mayawati ji support Private member bill on Ayodhya? They frequently ask the date ‘तारीख़ नही बताएँगे ‘ to @RSSorg @BJP4India ,now onus on them to answer
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) November 1, 2018
इसी बीच राम मंदिर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि वे (BJP) सोचते हैं कि भगवान राम उन्हें 2019 का चुनाव जिता देंगे. मगर चुनाव जीतने में ईश्वर मदद नहीं करेंगे क्योंकि वोट जनता करती है, भगवान राम या अल्लाह वोट नहीं करेंगे.
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दरअसल, राम मंदिर निर्माण की बात बीजेपी के घोषणा पत्र में भी है और जिन मुद्दों के सहारे बीजेपी सत्ता में आई, उनमें से एक प्रमुख अयोध्या में राम मंदिर का मामला भी है. बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि जब वह सत्ता में आएगी, राम मंदिर बनवाएगी. मगर साढ़े चार साल होने के बाद भी राम मंदिर न बनने पर विपक्ष अक्सर चुटकी लेते रहता है. कई दलों के नेता राम मंदिर के निर्माण की तारीख को लेकर बीजेपी को घेरते रहे हैं.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि अगले साल जनवरी से उचित पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगी. इसके बाद विवादित स्थल पर मंदिर के जल्द निर्माण के लिए कानून बनाए को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और आरएसएस के भीतर से मांग उठने लगी है. कांग्रेस कह चुकी है कि सभी पक्षों को न्यायालय के आदेश का पालन करना चाहिए.
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