म्यांमार ऑपरेशन को लेकर अपने ही मंत्रियों के बयान से खफा गृह मंत्रालय

म्यांमार ऑपरेशन को लेकर अपने ही मंत्रियों के बयान से खफा गृह मंत्रालय

नई दिल्ली:

म्यांमार में सेना की कार्रवाई को लेकर अलग-अलग नेताओं और मंत्रालयों के बयानों से गृह मंत्रालय नाराज़ है। अब उसकी तरफ़ से आए आंकड़े बता रहे हैं कि सेना की कार्रवाई में 58 उग्रवादी मारे गए हैं और 60 से ज़्यादा घायल हुए हैं।
 
दरअसल मणिपुर में अपने 18 सैनिकों की शहादत के बाद भारतीय सेना की कार्रवाई को लेकर चल रही बयानबाज़ी को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गंभीरता से लिया है।

बताया जा रहा है कि उन्होंने सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ को बुला कर समझाया भी कि सरकार को इस तरह की बयानबाज़ी से बचना चाहिए।

गृहमंत्री इस बात को लेकर भी चिंतित है कि जो एक 'कोवर्ट' ऑपरेशन था। उसके बारे में इतनी जानकारी सार्वजनिक क्यों हो रही है। अलग-अलग मंत्रालय अलग-अलग खबरें लीक कर रहे हैं, सेना की और से जो भी तस्वीरें पब्लिक डोमेन आईं, उसे लेकर भी सरकार के कुछ मंत्री नाराज़ है।

शुक्रवार को जब पत्रकारों ने गृहमंत्री से म्यांमार के बारे में जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा 'उस ऑपरेशन पर ज्यादा चर्चा नहीं होनी चाहिए।'

इधर विदेश सचिव एस जयशंकर और रॉ प्रमुख राजेंद्र खन्ना ने शुक्रवार को दुबारा राजनाथ सिंह से मुलाकात की।

इस बीच ये बात लगातार पूछी जा रही है कि म्यांमार की कार्रवाई में आख़िर कितने उग्रवादी मारे गए। अब गृह मंत्रालय को मिली जानकारी के मुताबिक, सेना की कार्रवाई में मारे गए 19 लोग वहीं दफ़न हो गए, जबकि बाद में 49 शवों को उग्रवादी उठा में ले गए। इसके अलावा साठ से ज़्यादा उग्रवादी घायल हुए हैं।

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ख़ुफिया सूचनाओं के मुताबिक इनमें आइपीएल मणिपुर, एमएनआरएफ़ और एनएससीएन खपलांग गुट के उग्रवादी शामिल हैं। यही नहीं, भारत अब इन गुटों पर नए सिरे से पाबंदी लगाने की बात कर रहा है। बीच में संघर्ष विराम के वर्षों में ऐसी पाबंदी नहीं रह गई थी।