राजनाथ सिंह ने सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन का दौरा किया, जवानों के माता-पिता को लेकर कही यह बात...

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने पदभार संभालने के दो दिन बाद सोमवार को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा किया और वहां तैनात जवानों से बातचीत की.

राजनाथ सिंह ने सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन का दौरा किया, जवानों के माता-पिता को लेकर कही यह बात...

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)

खास बातें

  • राजनाथ सिंह ने सियाचिन का दौरा किया
  • वहां तैनात जवानों से बातचीत की
  • जवानों के माता-पिता को धन्यवाद पत्र भेजने की बात कही
नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)  ने पदभार संभालने के दो दिन बाद सोमवार को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का दौरा किया और वहां तैनात जवानों से बातचीत की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर उनकी जरूरतों को पूरा करेगी. सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत और उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रणबीर सिंह के साथ सियाचिन पहुंचे सिंह ने 12,000 फुट की ऊंचाई पर विषम परिस्थितियों में सीमा की रक्षा कर रहे जवानों की बहादुरी को सलाम किया और कहा कि वह देश की रक्षा कर रहे इन जवानों के माता-पिता को व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखकर उनके बेटों को देश सेवा में भेजने के लिए धन्यवाद देंगे. राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि 1,100 से अधिक जवान सियाचिन ग्लेशियर की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं. 

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राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, "मुझे सियाचिन में सेवारत अपने सभी सैनिकों पर गर्व है जो हमारी मातृभूमि की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. मुझे उनके माता-पिता पर भी गर्व है जिन्होंने अपने बच्चों को सशस्त्र बलों में देश सेवा के लिए भेजा। मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद पत्र भेजूंगा." उन्होंने कहा, "राष्ट्र सदैव उनकी सेवा और बलिदान का ऋणी रहेगा." रााजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार सियाचिन ग्लेशियर में सर्वोच्च स्तर के कामकाज के लिए सभी अभियान संबंधी और प्रशासनिक जरूरतों से पूरी तरह अवगत है. उन्होंने कहा, "हम अपने बहादुर सियाचिन योद्धाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर जरूरतें पूरी करने के प्रयासों का पूरी तरह समर्थन करते हैं." 

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने चाय पर जवानों से संवाद किया और राष्ट्रीय सीमा की शुचिता बनाये रखने तथा नागरिकों की सर्वोच्च सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके दृढ़संकल्प और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की. रक्षा मंत्री ने बाद में ट्वीट किया, "सियाचिन में हमारे जवान प्रतिकूल परिस्थितियों और दुर्गम क्षेत्र में पूरे साहस और धैर्य के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. मैं उनके जोश और पराक्रम को सलाम करता हूं." कराकोरम रेंज में स्थित सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है जहां जवानों को अत्यधिक सर्दी और तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है.

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सर्दियों में ग्लेशियर पर भूस्खलन और हिमस्खलन आम बात है. यहां तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है. बाद में सिंह पाकिस्तान द्वारा किसी तरह की प्रतिकूल स्थिति पैदा करने पर भारत के निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए यहां बदामीबाग कैंट में चिनार कोर के मुख्यालय पहुंचे. सिंह से पहले रक्षा मंत्री रहे शरद पवार, जॉर्ज फर्नांडीज, मुलायम सिंह यादव और निर्मला सीतारमण ने भी सियाचिन का दौरा किया था.

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