प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की रविवार को होने वाले कश्मीर दौरे से ठीक पहले बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को भीड़ से निपटने के लिए 'मिर्ची बम' को पेलेट गन के विकल्प के तौर पर मंजूरी दे दी.
सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पैलेट गन की जगह 'पीएवीए' (मिर्च पाउडर भरे ग्रेनेड) के इस्तेमाल को मंजूरी दी. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पैलेट गन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि सुरक्षा बल बेहद असाधारण परिस्थितियों में इसके इस्तेमाल करते रहने की मांग करेंगे.
उल्लेखनीय है कि कश्मीर घाटी में जारी अशांति के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पैलेट गन से बड़ी संख्या में लोगों के दृष्टिहीन होने के बाद पैलेट गन के इस्तेमाल की काफी आलोचना हुई. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, "सरकार ने पीएवीए (मिर्ची बम) के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी. इसका मतलब हुआ कि भीड़ को नियंत्रित करते समय असाधारण परिस्थितियों में ही मिर्ची बम का इस्तेमाल किया जाएगा."
सूत्रों ने संकेत दिया कि जल्द ही नमूना के तौर पर मिर्ची बम की पहली किश्त कश्मीर भेजी जा सकती है. सूत्र ने बताया कि मिर्ची बम से लोग अशक्त हो जाएंगे जिससे उन्हें हिरासत में लेना या हिंसक गतिविधि से रोकना आसान हो जाएगा. इस मिर्ची बम या ग्रेनेड पर लखनऊ स्थित भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान की प्रयोगशाला में पिछले एक वर्ष से अनुप्रयोग चल रहे थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पैलेट गन की जगह 'पीएवीए' (मिर्च पाउडर भरे ग्रेनेड) के इस्तेमाल को मंजूरी दी. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पैलेट गन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि सुरक्षा बल बेहद असाधारण परिस्थितियों में इसके इस्तेमाल करते रहने की मांग करेंगे.
उल्लेखनीय है कि कश्मीर घाटी में जारी अशांति के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पैलेट गन से बड़ी संख्या में लोगों के दृष्टिहीन होने के बाद पैलेट गन के इस्तेमाल की काफी आलोचना हुई. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, "सरकार ने पीएवीए (मिर्ची बम) के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी. इसका मतलब हुआ कि भीड़ को नियंत्रित करते समय असाधारण परिस्थितियों में ही मिर्ची बम का इस्तेमाल किया जाएगा."
सूत्रों ने संकेत दिया कि जल्द ही नमूना के तौर पर मिर्ची बम की पहली किश्त कश्मीर भेजी जा सकती है. सूत्र ने बताया कि मिर्ची बम से लोग अशक्त हो जाएंगे जिससे उन्हें हिरासत में लेना या हिंसक गतिविधि से रोकना आसान हो जाएगा. इस मिर्ची बम या ग्रेनेड पर लखनऊ स्थित भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान की प्रयोगशाला में पिछले एक वर्ष से अनुप्रयोग चल रहे थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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