कोरोनावायरस से फैली महामारी कोविड-19 ने लाखों लोगों का रोज़गार छीन लिया है. बहुत से लोग दूसरों की मदद पर आश्रित हो गए हैं, वहीं कई किसी भी तरह अपनी ज़िंदगी की गाड़ी खींचने को मजबूर हैं. इसी तरह भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन महामारी के दौरान अपना जीवन चलाने के लिए मज़दूरी करने को मजबूर हो गए हैं. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में रहने वाले राजेंद्र सिंह धामी ने कभी व्हीलचेयर क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया था, लेकिन इस वक्त वो मनरेगा (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) के तहत मज़दूरी कर रहे हैं.
राजेंद्र सिंह धामी का 90 फीसदी शरीर लकवे से ग्रसित है. वो व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट्स से कमाई कर लेते थे, लेकिन महामारी के दौरान हालात खराब हो जाने के चलते उन्हें मज़दूरी करने पर मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने बताया, 'एक टूर्नामेंट होना तय था लेकिन कोविड-19 के चलते उसे टाल दिया गया. मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वो मुझे मेरी योग्यता के हिसाब से नौकरी दिलवाएं.'
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पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगडंडे ने बताया कि अथॉरिटीज़ ने जिले के स्पोर्ट्स ऑफिसर को धामी की तुरंत आर्थिक मदद करने को कहा है. उन्होंने कहा, 'फिलहाल, उनकी आर्थिक स्थिति खराब लग रही है. हमने जिले के स्पोर्ट्स अधिकारी से उनकी तुरंत मदद के लिए पैसे देने को कहा है. उन्हें मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना या फिर ऐसी ही दूसरी योजनाओं के तहत लाभ दिया जाएगा, ताकि उन्हें भविष्य में जीवनयापन में मदद मिल सके.'
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