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पहले सिर पर मैला ढ़ोती थी दोनों बहनें
धूमधाम से हुई पढ़े-लिखे लड़कों से शादी
राजस्थान के टोंक की है यह खबर
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सुलभ इंटरनेशनल की मदद के बाद दोनों बहनों ने मैला ढोने के काम बंद कर दिया और सुलभ व्यावसायिक केन्द्र में एक पाठयक्रम में भाग लिया और व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ ही पढाई भी की. एक बहन ने स्नातक और दूसरी ने 10 वीं की पढाई की. विवाह के बारे में एक बहन ने कहा कि उन्होंने ऐसी शादी का कभी सपना नहीं देखा क्योंकि उन्हें अक्सर दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था. दोनों दूल्हे एक ही जिले के रहने वाले हैं और पढे लिखे हैं. एक दूल्हा कैमरा मैन है जबकि दूसरा दूल्हा तकनीशियन है. विवाह में सभी तरह के रस्म रिवाज निभाये गये और विवाह धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ.
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विवाह में भाग लेने के बाद सुलभ आंदोलन के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि संस्था ने पिछले पांच दशकों में दस लाख मैला ढोने वाले लोगों का पुनर्वास किया है.
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