Rajasthan Political crisis: राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर मंडरा रहे संकट के बीच राजनीतिक बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजस्थान संकट को लेकर राज्य में बीजेपी के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (Hanuman Beniwal)ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje)पर हमला बोला है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिग्गज बीजेपी नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया, राजस्थान की गहलोत सरकार को बचाने की कोशिश कर रही हैं.बेनीवाल ने यह भी कहा कि राजे द्वारा कोंग्रेस के कई विधायको को इस बारे में फोन भी किए गए !
पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे @ashokgehlot51 की अल्पमत वाली सरकार को बचाने का पुरजोर प्रयास कर रही है,राजे द्वारा कोंग्रेस के कई विधायको को इस बारे में फोन भी किए गए !#गहलोत_वसुंधरा_गठजोड@AmitShah @AmitShahOffice @JPNadda @BJP4India @BJP4Rajasthan @RLPINDIAorg
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) July 16, 2020
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने @INCRajasthan में उनके करीबी विधायको से दूरभाष पर बात करके उन्हें @ashokgehlot51 का साथ देने की बात कही,सीकर व नागौर जिले के एक एक जाट विधायको को राजे ने खुद इस मामले में बात करके @SachinPilot से दूरी बनाने को कहा जिसके पुख्ता प्रमाण हमारे पास है !
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) July 16, 2020
गौरतलब है कि राजस्थान में गहलोत की कांग्रेस सरकार उस समय मुश्किल में पड़ गई थी जब उप मुख्यमंत्री सचिन गहलोत और उनके समर्थक विधायकों ने सीएम के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर दिया. गहलोत और पायलट के संबंधों में तल्खी राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनने के समय से ही चली आ रही है. इस सियासी घटनाक्रम के बाद पायलट के प्रति सख्त रुख अपनाते हुए कांग्रेस ने उन्हें उप मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया था. उनके दो विश्वस्तों को भी मंत्री पद से हटा दिया गया था. कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि "गहलोत सरकार के लिए खतरे का स्तर इस समय नीचे है.''
सीएम के तौर पर गहलोत के लिए अभी खतरे जैसी स्थिति नजर नहीं आ रही. इस बात को गहलोत की ओर से पायलट पर निशाना साधने से भी समझा जा सकता है. गुरुवार के यह संकट और बढ़ गया जब सचिन पायलट और कांग्रेस के अन्य बागियों ने उन्हें विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित किए जाने के किसी कदम के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली.हाईकोर्ट में सचिन पायलट की ओर से वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी पैरवी कर रहे हैं जबकि कांग्रेस ने अपने सबसे तेज कानूनी विशेषज्ञों में से एक अभिषेक मनु सिंघवी को मैदान में उतारा है.
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