राजस्थान (Rajasthan) में झालावाड़ (Jhalawar) जिले के खानपुर पुलिस थाने में 28 वर्षीय युवक की हिरासत में कथित तौर पर पिटाई किए जाने के चलते मौत हो गई. घटना की न्यायिक जांच (judicial probe) का आदेश दिया गया है. मृतक के परिवार ने आरोप लगाया है कि थाने में उसे बुरी तरह से पीटा गया, जिस वजह से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 176 (मौत की मजिस्ट्रेट द्वारा जांच) के तहत मुकदमा दर्ज किया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है. परिवार की मांग पर बाद में मामले की न्यायिक जांच का आदेश दिया गया. परिवार की मांग का स्थानीय विधायक ने समर्थन किया था.
झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने बताया कि हिरासत में मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत खानपुर थाने के थानेदार कमलचंद मीणा को निलंबित कर दिया गया है और थाने के सारे कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है. एसपी किरण सिंह सिद्धू ने बताया, " यह अभी साबित नहीं हुआ है कि उसकी मौत हिरासत में हुई है. रिकॉर्ड के मुताबिक, वह हमारी हिरासत में नहीं था. बहरहाल, सीआरपीसी की धारा 176 के तहत मामले की जांच न्यायिक मजिस्ट्रेट कर रहे हैं. "
झालावाड़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश यादव ने कहा कि मृतक राजेश मीणा (28) जिले के खानपुर शहर की रायगर बस्ती का रहने वाला था. शनिवार की शाम को एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई. उसकी हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यादव ने बताया कि शनिवार दोपहर मीणा को शस्त्र कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था और शुरुआती पूछताछ के बाद उसे नोटिस देकर थाने से जाने दिया गया था. एएसपी ने दावा किया कि मीणा की हालत "बिगड़ गई" और वह थाने के परिसर में ही गिर पड़ा. इसके बाद पुलिसकर्मी उसे अस्पताल ले गए, जहां शाम में उसकी मौत हो गई.
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इस बीच, मृतक के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि खानपुर थाने के कर्मियों ने मीणा को प्रताड़ित किया, जिससे उसकी मौत हुई. स्थानीय भाजपा विधायक नरेंद्र नागर के साथ परिवार के सदस्यों ने रविवार सुबह खानपुर कस्बे में प्रदर्शन किया और खानपुर थाने के कर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की.
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इसके बाद स्थानीय प्रशासन थानेदार को निलंबित करने, उसे पीटने में कथित रूप से शामिल दो पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने, मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने तथा मृतक की 18 महीने की बच्ची की मदद का आश्वासन देने के बाद परिवार के सदस्य शव के पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए. विधायक ने बताया कि मामले की न्यायिक जांच और अन्य मांगों को पूरा करने के आश्वासन के बाद परिवार के सदस्य पोस्टमार्टम के लिए राजी हो गए.
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