अशोक गहलोत अब विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी कर रहे हैं.
नई दिल्ली : राजस्थान में सचिन पायलट (Sachin Pilot) कैंप की ओर से हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले ठीक पहले याचिका दी गई कि 14 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दिए गए दल बदल कानून के तहत नोटिस के मामले में केंद्र को भी पार्टी बनाया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने अर्जी स्वीकार कर ली. लेकिन थोड़ी देर बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश दिया कि विधानसभा स्पीकर के नोटिस पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी और अब इस पर सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 10(1A)की वैधता पर फैसला सुनाएगा. यानी देश की सर्वोच्च अदालत फैसला करेगी कि क्या विधानसभा अध्यक्ष के इस नोटिस पर कोर्ट हस्तक्षेप कर सकती है. लेकिन यह अहम बात है कि कोर्ट ने इस पर रोक नहीं लगाई है कि अगर विधानसभा सत्र बुलाया जाता है और पार्टी की ओर से जारी व्हिप का उल्लंघन करने पर विधानसभा अध्यक्ष दल-बदल कानून के तहत नोटिस नहीं जारी कर सकते हैं.