राजस्थान के करौली जिले में भूमि विवाद में एक पुजारी को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है. पेट्रोल डालकर कुछ लोगों ने पुजारी को जलाने की कोशिश की. बुरी तरह से झुलसे पुजारी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गई है. पुजारी ने पुलिस को बताया कि कुछ लोगों ने उस पर हमला किया था और पेट्रोल छिड़कर जिंदा जलाने की कोशिश की थी. यह विवाद मंदिर की जमीन का बताया जा रहा है. पुजारी को आय के स्त्रोत के रूप में मंदिर के ट्रस्ट की ओर से 13 बीघा जमीन दी गई थी.
गांव के पुजारी बाबू लाल वैष्णव अपनी जमीन के पास स्थित एक प्लॉट पर अपना घर बनाना चाहते थे. मीणा समुदाय के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और जमीन को अपना बताया. विवाद होने पर यह मामला गांव के बुजुर्गों के पास पहुंचा, उन्होंने पुजारी के पक्ष में फैसला दिया.
इसके बाद पुजारी ने जमीन पर बाजरा की गांठें लगा दी ताकि पjता चल सके कि जमीन पर उसका मालिकाना हक है. हालांकि, आरोपियों ने उस जगह पर अपनी झोपड़ी बनाना शुरू कर दी. जिसकी वजह से दोनों पक्षों में विवाद हो गया है.
पुलिस में दर्ज कराए बयान में पुजारी ने कहा कि छह लोगों ने बाजरे की गांठों पर पेट्रोल डालकर बुधवार को आग लगा दी. उन्होंने दावा किया उन लोगों ने उस पर भी पेट्रोल डाला और जलाने की कोशिश की. जलने की वजह से, पीड़ित पुजारी को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार शाम को उसने दम तोड़ दिया.
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वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हरजी लाल यादव ने एनडीटीवी को बताया, "फिलहाल शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. हमने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है और मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को हिरासत में ले लिया है." पुलिस को दिए बयान में पुजारी ने छह लोगों कैलाश, शंकर, नमो मीणा और तीन अन्य लोगों का नाम लिया है.