
राजस्थान में आज जब विधायक दल की बैठक के बाद कैबिनेट से सचिन पायलट विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को हटाने का फैसला हुआ तो राजस्थान की राजनीति में हलचल मच गई. इधर नियम के मुताबिक कैबिनेट से तीन लोगों को हटाए जाने की सूचना देने के लिए सीएम अशोक गहलोत जब राज्यपाल कलराज मिश्रा के आवास पहुंचे तो कलराज मिश्रा ने उनका हाथ सैनिटाइजर से साफ कराना नहीं भूले. पहले खबर थी कि अशोक गहलोत राज्यपाल से मिलकर 104 विधायकों के समर्थन चिट्ठी देने गए हैं. लेकिन वह सिर्फ बातचीत करके वापस आ गए. इस पर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. दरअसल माना जा रहा था कि अशोक गहलोत के पास 104 विधायकों का समर्थन है. लेकिन इसी बीच बीटीपी के 2 में से 1 विधायक ने कह दिया कि उनको बंधक बनाकर रखा गया है. अगर बीटीपी विधायक समर्थन नहीं देते हैं तो अशोक गहलोत के पास सिर्फ 102 विधायकों को का ही समर्थन रह जाएगा और राजस्थान में बहुमत के लिए 101 के विधायकों की जरूरत है.
Rajasthan Governor Kalraj Mishra has accepted CM Ashok Gehlot's proposal to remove Sachin Pilot as Deputy CM, and Vishvender Singh and Ramesh Meena as ministers. https://t.co/FGppoHMV5c
— ANI (@ANI) July 14, 2020
वहीं राज्यपाल से मिलने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं है, पर्दे के पीछे बीजेपी सारा खेल कर रही है. बीजेपी ने रिसॉर्ट का प्रबंधन किया है और सारी चीजे वही कर रही है. यह वही टीम है जो मध्य प्रदेश में काम कर रही थी. राजस्थान के सीएम ने कहा कि आलाकमान को काफी मजबूरी में हटाना पड़ा है. सीएम ने कहा कि कोरोना की बीमारी के बीच हम लोगों ने दिन रात एक दिन कर दिया. मैंने कहा कि कोई भूखा नहीं सोएगा.. यह बीमारी किसी को भी पकड़ सकती है. ऐसे में सरकार गिराने की कोई हिम्मत नहीं कर सकता है.... राजस्थान के सीएम ने कहा कि उन्होंने कोई भेदभाव नहीं किया है. उन्होंने कहा, 'छह महीने से साजिश हो रही है. हमने उनको वापसी का पूरा मौका दिया है. आप ब्लैकमेल कर रहे हैं. बीजेपी ने कर्नाटक, मध्य प्रदेश जैसा खेल खेलना चाहती थी. लेकिन वह सफल नहीं हुए..
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