राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच खुली लड़ाई चल रही है. रविवार को सचिन पायलट की बगावत सामने आ जाने के बाद से ही राजस्थान कांग्रेस राज्य विधानसभा में अपनी मजबूती साबित करने में लगी हुई है. सोमवार को अशोक गहलोत बड़ी संख्या में अपने विधायकों के साथ नजर आए, जिसे उनका शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है. उनके साथ करीब 100 से ज्यादा विधायक थे, जिनके साथ वो विजयी मुद्रा दिखाते हुए नजर आए. इसके पहले सोमवार को पार्टी ने रात ढाई बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि उसके पास पार्टी के 109 विधायकों का समर्थन है. हालांकि, उसे निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला हुआ है, ऐसे में बीजेपी चाहे तो वो पायलट के साथ मिलकर सरकार को अस्थिर कर सकती है.
उधर, सचिन पायलट ने भी दावा किया था कि उनके पास करीब 30 विधायकों का समर्थन है. लेकिन उनकी तरफ से सीधी-सीधी कोई बाजी नहीं फेंकी गई है. ऐसे में एक बार यह देखना दिलचस्प होगा कि राजस्थान विधानसभा में मौजूदा आंकड़े क्या कहते हैं और किसका पलड़ा भारी दिख रहा है.
क्या कहते हैं आंकड़े-
- राजस्थान विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 200 है.
- बहुमत के लिए 101 सीटें चाहिए.
- विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 सीटें हैं और उसे 10 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला हुआ है.
- सोमवार को अशोक गहलोत की ओर से बुलाई गई विधायक दल की बैठक में 97 विधायक आए थे.
- सचिन पायलट का दावा था कि उनके कैंप में 30 विधायक हैं.
- हालांकि अब लगता है कि उनके पास महज 16 विधायक ही हैं.
- बीजेपी के पास विधानसभा में 73 सीटें हैं.
कांग्रेस कहती रही है कि राजस्थान में उसकी सरकार में कोई गड़बड़ी नहीं है, सबकुछ ठीक है. गहलोत ने अपना शक्ति प्रदर्शन भी कर दिया है. उधर, पायलट ने भी सोमवार को ही कहा है कि वो बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे हैं, ऐसे में देखना है कि इस पूरे मामले का पटाक्षेप कैसे होता है.
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