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This Article is From Jul 16, 2020

अयोग्यता नोटिस पर पायलट की टीम पहुंची कोर्ट, चुने हुए वकील से ज़ाहिर हो रहे हैं इरादे

राजस्थान कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस भेजे जाने का मामला राजस्थान हाईकोर्ट में पहुंच गया है. पायलट कैम्प के विधायकों ने कांग्रेस के इस कदम को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पायलट खेमे की ओर से फिलहाल टॉप के सरकारी वकील मुकुल रोहतगी दलीलें पेश करेंगे.

अयोग्यता नोटिस पर पायलट की टीम पहुंची कोर्ट, चुने हुए वकील से ज़ाहिर हो रहे हैं इरादे
बागी विधायकों को अयोग्यता का नोटिस भेजने का मामला पहुंचा राजस्थान हाईकोर्ट. (फाइल फोटो)
जयपुर:

Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान कांग्रेस के बागी विधायकों (Rebel MLAs) को अयोग्यता नोटिस (Disqualification Process) भेजे जाने का मामला राजस्थान हाईकोर्ट में पहुंच गया है. पायलट कैम्प (Team Sachin Pilot) के विधायकों ने कांग्रेस के इस कदम को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी है. बता दें कि सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को राजस्थान विधानसभा स्पीकर की ओर से बुधवार को नोटिस भेजा गया था. स्पीकर ने इन विधायकों को नोटिस भेजकर 17 जुलाई तक जवाब मांगा है. कांग्रेस का आरोप है कि ये विधायक पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे, जिसपर उनसे जवाब मांगा गया है. अगर वो इसपर जवाब नहीं देते हैं, तो उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी.

पायलट खेमे की ओर से फिलहाल टॉप के सरकारी वकील मुकुल रोहतगी दलीलें पेश करेंगे. मुकुल रोहतगी को 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद अटॉर्नी जनरल बनाया गया था. वहीं कांग्रेस ने स्पीकर सीपी जोशी का पक्ष रखने के लिए अभिषेक मनु सिंघवी को उतारा है.

कोर्ट जाने के कदम पर सचिन पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया है क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है. सूत्रों ने कहा, 'हम कोर्ट गए हैं क्योंकि हमने पार्टी के ख़िलाफ़ कोई काम नहीं किया है. हमारे ख़िलाफ़ ग़लत तरीक़े से कार्रवाई हुई है. हमें नोटिस जारी किया गया जो कल देर रात हमें मिला. हमें कल तक जवाब देने को कहा गया. हमने जब पार्टी विरोधी काम किया ही नहीं तो क्या जवाब दें. ये सब बातें हम कोर्ट में रखेंगे. एक तरफ़ पार्टी दरवाज़े खुले होने की बात कर रही है तो फिर कार्रवाई कौन कर रहा है?'

विधायक अयोग्य साबित नहीं हुए तो गहलोत को ऐसे होगा नुकसान

पायलट खेमे के कानूनी अड़ंगे से अब गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, अगर गहलोत इन विधायकों को अयोग्य घोषित करवा ले जाते हैं तो सदन में फ्लोर टेस्ट की स्थिति में भी बहुमत का आंकड़ा कम हो जाएगा, जिससे उन्हें मदद मिलेगी. लेकिन अगर इन विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया जा सका तो ये कांग्रेस के विधायक की तरह ही वोट करेंगे, जिससे कि गहलोत की सरकार गिर सकती है. राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं, बहुमत का आंकड़ा 101 है. गहलोत का कहना है कि उनके पास 106 विधायकों का समर्थन है, जिसे पायलट ने चुनौती दी है.

रविवार से ही सचिन पायलट कथित रूप से अपने विधायकों के साथ दिल्ली में हैं. ऐसे में सभी तक मैसेज पहुंचे. इसके लिए राजस्थान कांग्रेस ने उन्हें वॉट्सऐप, SMS, ईमेल के जरिए तो नोटिस भेजा ही है, राज्य भर में इनके घरों की दीवारों पर हिंदी और इंग्लिश में भी नोटिस चिपकाया है.

उधर, पायलट खेमे की ओर से अयोग्यता नोटिस पर सवाल उठाए गए हैं. बागी विधायक भंवरलाल शर्मा ने गुरुवार को विधायकों को नोटिस भेजने पर कहा कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी को संविधान की जानकारी नहीं है. व्हिप सिर्फ विधानसभा में लागू होता है, पार्टी विधायक दल की विधानसभा से बाहर बैठक में नहीं. शर्मा ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी को संविधान की जानकारी नहीं है क्योंकि व्हिप के उल्लंघन का आरोप ही गलत है.

Video: सचिन पायलट की मंशा पर कांग्रेस को संदेह : पार्टी सूत्र

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