राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच बहुजन समाज पार्टी विधायकों के कांग्रेस में शामिल हो जाने के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बोला कि अभी इसपर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है, तो उसे हो जाने दिया जाए. शीर्ष अदालत ने कहा कि वो हाईकोर्ट की सुनवाई पर रोक नहीं लगाएगा. कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करने को कहा और यह भी कहा कि 'अगर हाईकोर्ट इस मामले में कोई फैसला नहीं सुनाता है, तो हम सुनाएंगे'.
याचिकाकर्ता मदन दिलावर की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने पक्ष रखते हुए कहा कि स्पीकर को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बीएसपी विधायकों के वोटिंग के अधिकार को रोका जाए क्योंकि उनका कांग्रेस में विलय करना असंवैधानिक है. साल्वे ने कहा कि 'हमने हाईकोर्ट में छह बीएसपी विधायकों को अयोग्य करार देने को लेकर याचिका दाखिल की थी लेकिन वो तकनीकी कारणों से खारिज हो गई.' सुप्रीम कोर्ट ने साल्वे से पूछा था कि बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय के 10 महीनों के बाद याचिका क्यों दाखिल की? जस्टिस अरुण मिश्रा ने पूछा कि 'हमें मेरिट में क्यों जाना चाहिए?' साल्वे ने कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि 10वीं अनुसूची के पैरा- 4 के तहत आदेश पारित नहीं किया जा सकता है. यह विशेष रूप से अयोग्यता पर था.'
साल्वे ने इन छह बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय पर रोक की मांग की. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत स्पीकर के 18 सितंबर, 2019 के फैसले पर रोक लगाए, जिसमें स्पीकर ने विलय की इजाजत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि हाईकोर्ट के समक्ष याचिका पर सुनवाई कब होगी, जिसपर साल्वे ने बताया, 'साल्वे ने कहा आज लेकिन बसपा के 6 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में मामले को ट्रांसफर करने को लेकर याचिका दाखिल की है, इसपर सुनवाई अभी हमारी याचिका के बाद होगी.'
इस मामले में बीएसपी की तरफ से सतीश चंद्र मिश्रा ने बहस शुरू की. उन्होंने विधायकों के कांग्रेस में विलय का विरोध करते हुए कहा कि स्पीकर को विलय कराने का अधिकार नही था. स्पीकर की तरफ से कपिल सिब्बल पेश हुए उन्होंने कहा कि 'गोवा और नागालैंड में कांग्रेस के सभी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे, तब सब ठीक था लेकिन अब नही क्योकि अब विधायक कांग्रेस में शामिल हुए हैं.'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'हम हाईकोर्ट की सुनवाई को क्यों रोकें. हाईकोर्ट सुनवाई जारी रखे. अगर हाईकोर्ट आदेश जारी नही करता तो हम करेंगे.' हालांकि, राजीव धवन और सिब्बल ने कहा कि याचिका को सुप्रीम कोर्ट में लंबित न रखा जाए. सुप्रीम कोर्ट बीजेपी विधायक की याचिका पर 13 अगस्त को सुनवाई करेगा.
Video: बीएसपी विधायकों के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की सिंगल बेंच लेगी फैसला
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