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This Article is From Jul 17, 2020

राजस्‍थान संकट: 'लंबे ड्रामे' के बाद राजस्‍थान पुलिस उस रिसॉर्ट में गई, जहां रुके हैं पायलट कैंप के विधायक

कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार सुबह भंवर लाल शर्मा और एक अन्य विधायक, विश्वेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है,पार्टी के अनुसार, ये बीजेपी के साथ नकद लेनदेन पर चर्चा करते हुए रिकॉर्ड किए गए हैं. हालांकि इन दोनों विधायकों ने आरोप का खंडन किया है और कहा है कि टेप की गई बातचीत प्रामाणिक नहीं है.

राजस्‍थान संकट: 'लंबे ड्रामे' के बाद राजस्‍थान पुलिस उस रिसॉर्ट में गई, जहां रुके हैं पायलट कैंप के विधायक
Rajasthan Crisis:सचिन पायलट खेमे के बागी विधायक इस रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं.
जयपुर:

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान पुलिस की टीम को दिल्ली के पास मानेसर में उस रिसॉर्ट के अंदर जाने से पहले कुछ समय के लिए रोक दिया गया था, जहां सचिन पायलट के विश्‍वस्‍त 18 कांग्रेस विधायक पिछले कुछ दिनों से डेरा डाले हुए हैं. ताजा जानकारी के अनुसार, स्‍पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) टीम अब होटल के अंदर गई है, टीम करीब डेढ़ तक बाहर खड़ी थी. राजस्‍थान पुलिस को हरियाणा पुलिस ने प्रवेश से रोक रखा था.गौरतलब है कि राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) की एक टीम जयपुर से दिल्ली के पास मानेसर में इस रिसॉर्ट तक पहुंची है. पुलिस के अनुसार फिलहाल उनकी 'नजर' भंवर लाल शर्मा (Bhanwar Lal Sharma) पर है, जो कांग्रेस पार्टी के अनुसार उस साजिश का हिस्‍सा हैं जिसके तहत सामने आए एक ऑडियो टेप में अशोक गहलोत के नेतृत्‍व वाली सरकार को गिराने के लिए घूस के बारे में चर्चा हो रही है.

कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार सुबह भंवर लाल शर्मा और एक अन्य विधायक, विश्वेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है,पार्टी के अनुसार, ये बीजेपी के साथ नकद लेनदेन पर चर्चा करते हुए रिकॉर्ड किए गए हैं. हालांकि इन दोनों विधायकों ने आरोप का खंडन किया है और कहा है कि टेप की गई बातचीत प्रामाणिक नहीं है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने आरोप लगाया है कि सचिन पायलट, जो मंगलवार तक उनकी सरकार में नंबर दो की पोस्‍ट यानी उप मुख्‍यमंत्री थे, सीधे कथित हार्स ट्रेडिंग में शामिल हैं.

गौरतलब है कि पायलट (Sachin  Pilot) ने राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष के रूप में बर्खास्त होने के बाद, उन्हें और 18 अन्य लोगों को अयोग्य घोषित करने के कदम को चुनौती देने के लिए अदालत की शरण ली है. कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने इस हफ्ते दो बैठकों में पेश होने के निर्देश की अवहेलना करते हुए पार्टी के खिलाफ काम किया. इस बैठक की अध्यक्षता श्री गहलोत ने की थी. मामले में कोर्ट में सचिन पायलट की ओर से शीर्ष वकीलों हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी द्वारा पैरवी की जा रही है. साल्‍वे जहां पूर्ववर्ती अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सॉलिसिटर जनरल थे, वहीं रोहतगी 2017 तक मोदी सरकार के लिए अटॉर्नी जनरल थे.मुख्यमंत्री गहलोत और उनके 'डिप्‍टी' सचिन पायलट के बीच लंबे समय से चली आ रही कलह उस समय सार्वजनिक हो गई थी जब पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के साथ बागी तेवर अपना लिए थे. पायलट ने दावा किया था कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है जो सरकार को 'गिराने' के लिहाज से पर्याप्त है.


 

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