नई दिल्ली:
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे एक बार फिर राजनीतिक दलों के निशाने पर हैं। इस बार उनकी आलोचना का कारण बिहारियों के खिलाफ की गई उनकी वह टिप्पणी है, जिसमें ठाकरे ने उन्हें घुसपैठिये कहा था।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि ठाकरे परिवार खुद बिहार का रहने वाला है। वहां से वह लोग पश्चिमी मध्य प्रदेश के धार जिले में बस गए और फिर मुंबई आ गए थे। सिंह ने कहा, अगर आप मुंबई का इतिहास देखेंगे तो पाएंगे कि यह मछुआरों का शहर है। यहां रह रहे बाकी लोग तो बाहर से आए हैं।
ठाकरे ने शुक्रवार को धमकी दी थी कि स्थानीय पुलिसकर्मियों को सूचित किए बिना एक किशोर को बिहार से गिरफ्तार करने वाले मुंबई पुलिस के कर्मियों के खिलाफ यदि बिहार सरकार के अधिकारी कार्रवाई करते हैं, तो महाराष्ट्र से बिहारियों को जबरन निकाल दिया जाएगा।
राज ठाकरे उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि बिहार के मुख्य सचिव नवीन कुमार ने मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर 11 अगस्त को आजाद मैदान पर विरोध प्रदर्शन के दौरान शहीद स्मारक पर कथित तोड़फोड़ करने वाले एक युवक की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर की थी।
बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ पार्टी राज ठाकरे के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। तिवारी ने इस घटनाक्रम की तुलना पंजाब में आतंकवाद के दिनों में जनरैल सिंह भिंडरावाले के उदय से की। उन्होंने कहा, यह (राज ठाकरे का आचरण) संवैधानिक प्रभुत्व को चुनौती है। मुंबई के आजाद मैदान में ठाकरे ने कहा कि पुलिस आयुक्त का तबादला किया जाना चाहिए और इसके बाद यही हुआ भी। क्या महाराष्ट्र की कांग्रेस नीत सरकार यह जताना चाहती है कि ठाकरे सरकार से ऊपर हैं?
तिवारी ने कहा, मैं केंद्र की और महाराष्ट्र की कांग्रेस नीत सरकारों से अनुरोध करूंगा कि पंजाब में मिले अनुभवों से वह सबक लें, जहां उन्होंने भिंडरावाले को बढ़ावा दिया था। वह संविधान से इतर प्राधिकार बना कर उसे मजबूत कर रहे हैं। वह समय आएगा, जब ये ताकतें भस्मासुर की तरह उन्हें ही खत्म कर डालेंगी।
जेडीयू नेता ने कहा कि नियम यह है कि जब भी किसी एक राज्य की पुलिस किसी को गिरफ्तार करने के लिए दूसरे राज्य में जाती है, तो उसे स्थानीय पुलिस को सूचना देनी होती है और फिर गिरफ्तार व्यक्ति को स्थानीय अदालत में पेश करना पड़ता है, जहां उसे ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद ही अन्यत्र ले जाया जा सकता है।
बिहार सरकार के एक मंत्री गिरिराज सिंह ने ठाकरे की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की और उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है। सिंह ने कहा, यह लोकतंत्र के खिलाफ है। ठाकरे के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। मैं महाराष्ट्र के रहने वाले अन्ना हजारे से भी अपील करूंगा कि उन्हें ठाकरे के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए।
बीजेपी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी राज ठाकरे की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में काम करते समय टकराव से बचने की जरूरत होती है। नकवी ने कहा कि कुछ आतंकवादियों के कृत्यों के कारण क्षेत्र या मजहब के नाम पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि ठाकरे परिवार खुद बिहार का रहने वाला है। वहां से वह लोग पश्चिमी मध्य प्रदेश के धार जिले में बस गए और फिर मुंबई आ गए थे। सिंह ने कहा, अगर आप मुंबई का इतिहास देखेंगे तो पाएंगे कि यह मछुआरों का शहर है। यहां रह रहे बाकी लोग तो बाहर से आए हैं।
ठाकरे ने शुक्रवार को धमकी दी थी कि स्थानीय पुलिसकर्मियों को सूचित किए बिना एक किशोर को बिहार से गिरफ्तार करने वाले मुंबई पुलिस के कर्मियों के खिलाफ यदि बिहार सरकार के अधिकारी कार्रवाई करते हैं, तो महाराष्ट्र से बिहारियों को जबरन निकाल दिया जाएगा।
राज ठाकरे उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि बिहार के मुख्य सचिव नवीन कुमार ने मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर 11 अगस्त को आजाद मैदान पर विरोध प्रदर्शन के दौरान शहीद स्मारक पर कथित तोड़फोड़ करने वाले एक युवक की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर की थी।
बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ पार्टी राज ठाकरे के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। तिवारी ने इस घटनाक्रम की तुलना पंजाब में आतंकवाद के दिनों में जनरैल सिंह भिंडरावाले के उदय से की। उन्होंने कहा, यह (राज ठाकरे का आचरण) संवैधानिक प्रभुत्व को चुनौती है। मुंबई के आजाद मैदान में ठाकरे ने कहा कि पुलिस आयुक्त का तबादला किया जाना चाहिए और इसके बाद यही हुआ भी। क्या महाराष्ट्र की कांग्रेस नीत सरकार यह जताना चाहती है कि ठाकरे सरकार से ऊपर हैं?
तिवारी ने कहा, मैं केंद्र की और महाराष्ट्र की कांग्रेस नीत सरकारों से अनुरोध करूंगा कि पंजाब में मिले अनुभवों से वह सबक लें, जहां उन्होंने भिंडरावाले को बढ़ावा दिया था। वह संविधान से इतर प्राधिकार बना कर उसे मजबूत कर रहे हैं। वह समय आएगा, जब ये ताकतें भस्मासुर की तरह उन्हें ही खत्म कर डालेंगी।
जेडीयू नेता ने कहा कि नियम यह है कि जब भी किसी एक राज्य की पुलिस किसी को गिरफ्तार करने के लिए दूसरे राज्य में जाती है, तो उसे स्थानीय पुलिस को सूचना देनी होती है और फिर गिरफ्तार व्यक्ति को स्थानीय अदालत में पेश करना पड़ता है, जहां उसे ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद ही अन्यत्र ले जाया जा सकता है।
बिहार सरकार के एक मंत्री गिरिराज सिंह ने ठाकरे की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की और उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है। सिंह ने कहा, यह लोकतंत्र के खिलाफ है। ठाकरे के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। मैं महाराष्ट्र के रहने वाले अन्ना हजारे से भी अपील करूंगा कि उन्हें ठाकरे के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए।
बीजेपी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी राज ठाकरे की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में काम करते समय टकराव से बचने की जरूरत होती है। नकवी ने कहा कि कुछ आतंकवादियों के कृत्यों के कारण क्षेत्र या मजहब के नाम पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।
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