लोकसभा चुनाव : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की बुरी हार, राज बब्बर ने यूपी अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है. बब्बर ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है.

लोकसभा चुनाव : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की बुरी हार, राज बब्बर ने यूपी अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

खास बातें

  • उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार
  • सिर्फ सोनिया गांधी जीत पाईं
  • राहुल गांधी भी अमेठी में हारे
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर  ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव बक्शी ने शुक्रवार को पीटीआई भाषा को बताया कि बब्बर ने राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है. बक्शी ने बताया कि बब्बर ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है. इससे पहले बब्बर ने ट्वीट किया, ''यूपी कांग्रेस के लिए परिणाम निराशाजनक हैं. अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभा पाने के लिए खुद को दोषी पाता हूं. नेतृत्व से मिलकर अपनी बात रखूंग. जनता का विश्वास हासिल करने के लिए विजेताओं को बधाई.'' गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस सिर्फ एक रायबरेली सीट जीत पायी, जहां से सोनिया गांधी चुनाव लड़ी थीं. फतेहपुर सीकरी से राज बब्बर चुनाव हार गये हैं.

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गौरतलब है कि गुरुवार को लोकसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस की एक बार फिर करारी हो गई है. उसको पूरे देश में मात्र 52 सीटें मिली हैं. हाल यह है कि कांग्रेस को लोकसभा को नेता प्रतिपक्ष बनाने का भी मौका नहीं मिलेगा क्योंकि इसके लिए कम से कम 55 सीटें जरूरी है. दूसरी ओर खबर आ रही है कि शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं. आपको बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को 44 सीटें आई थीं. और यह दूसरी बार होगा जब लोकसभा में विपक्ष का नेता नहीं होगा. 

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वहीं राहुल गांधी के लिए सबसे बुरी बात यह है कि वह अमेठी से भी चुनाव हार गए हैं. अमेठी से वह लगातार तीन बार सांसद चुने जा चुके थे. अमेठी  में उनसे पहले भी गांधी परिवार के लोग लड़ते रहे हैं. आपातकाल के बाद हुए चुनाव में अमेठी से संजय गांधी के हारने के बाद यह दूसरा मौका है जब गांधी परिवार का कोई सदस्य हारा है.
 

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