विज्ञापन
This Article is From Oct 08, 2012

बिजली पर बवाल : एनडीपीएल की शिकायत में केजरीवाल का नाम नहीं

नई दिल्ली: दिल्ली में केजरीवाल ने जो कनेक्शन पिछले दिनों जोड़े थे उन्हें सरकार ने काट दिया... फिर जनता ने जोड़ दिया… लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी एनडीपीएल ने बिजली के तार जोड़ने वालों के खिलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है। चौंकाने वाली बात यह है कि शिकायत में अरविंद केजरीवाल का नाम शामिल नहीं है।

इससे पहले, दिल्ली में बिजली के नए स्लैब पर डीईआरसी में जन सुनवाई के दौरान बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया कि आखिर अब तक बीजेपी चुप क्यों बैठी थी। बीजेपी नेता विजय गोयल के साथ मंच साझा करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूर्व डीईआरसी चेयरमैन की रिपोर्ट बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के पास मौजूद है लेकिन अब तक सरकार और पार्टी दोनों ने रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है।

केजरीवाल ने कहा कि यदि पार्टी वाकई में जनहित के बारे में सोचती है तब वह इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। केजरीवाल का दावा है कि इस रिपोर्ट में दिल्ली में बिजली की दरें 23 फीसदी कम करने की सिफारिश की गई है। उन्होंने कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार पर जनता को लूटने का आरोप भी लगाया।

इस दौरान डीईआरसी पर जमा हुए लोगों ने जमकर हंगामा किया। यहां हजारों लोग बिजली की प्रस्तावित बढ़ी कीमतों को लेकर इकट्ठा हुए थे जो जबरन डीईआरसी की दफ्तर में घुस गए और दिल्ली की शीला सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान बीजेपी नेता विजय गोयल भी प्रदर्शनकारियों के साथ थे।

दरअसल, डीईआरसी ने 200−400 यूनिट के स्लैब को चार रुपये 80 पैसे से बढ़ाकर पांच रुपये 70 पैसे करने का प्रस्ताव दिया है। इस मुद्दे पर लोगों से उनकी आपत्तियां मांगी गई हैं। जब से जुलाई में बिजली के टैरिफ बढ़ाए गए हैं और जीरो से 400 का नया स्लैब शुरू हुआ है। तब से लोगों के यहां बिजली के बिल बहुत ज़्यादा बढ़ गए हैं।

चौंकाने वाली बात यह है कि बिजली कंपनियों के घाटे का रोना रोकर दिल्ली में बिजली के दाम बढ़ाए गए लेकिन खुद पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड की रिपोर्ट बताती है कि कंपनियों को करीब साढ़े तीन सौ करोड़ का फायदा दिखाया गया। सवाल यह है कि फिर दिल्ली में बिजली की दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी क्यों की गई।

दिल्ली में बिजली के बिल को लेकर लोग सड़कों पर है। जगह−जगह बिल जलाए जा रहे हैं। लेकिन यह ताज्जुब की बात है कि इन तीनों बिजली कंपनियों को 2010−11 में करीब साढ़े तीन सौ करोड़ का फायदा हुआ। जबकि इन कंपनियों ने बिजली का घाटा दिखाकर बिजली के दाम तो बढ़वाए ही पांच सौ करोड़ का बेलआउट पैकेज भी लिया। खुद भारत सरकार की पावर फाइनेंस कारपोरेशन के दस्तावेज में साल 2010−11 बीएसईएस राजधानी को टैक्स के बाद मुनाफ़ा 388 करोड़, बीएसईएस यमुना को टैक्स के बाद मुनाफ़ा 155 करोड़, एनटीपीएल को 258 करोड़ का फायदा हुआ है। सवाल उठता है कि क्या जानबूझकर कंपनियों ने डीईआरसी को घाटा दिखाया।

ऊर्जा के संयोजक राजीव कंकारिया ने बताया कि हम तो कह ही रहे है ये बिजली कंपनियां हेराफेरी कर रही है। 2011 में दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन बृजेंद्र ने भी कहा था कि बिजली कंपनियां तीन हजार करोड़ के फायदे में है और बिजली के दाम घटाए जाने चाहिए लेकिन उनकी इस रिपोर्ट को दिल्ली सरकार ने अनदेखा कर दिया था। अब फिर से सवाल उठने लगे हैं।

कंकारिया का कहना है कि देखिए सरकार की मिली-भगत है। दो तरह के बैलेंसशीट दिखाए जाते हैं। बिजली कंपनियों का कहना है कि बिजली के रेट बैलेंस शीट देखकर बढ़ाए जाते हैं। अगर कंपनी फायदे में होती तो डीईआरसी टैरिफ नहीं बढ़ाती।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्मू कश्मीर चुनाव को लेकर महिलाओं में कैसा उत्‍साह... जानें किस पार्टी के उम्‍मीदवार सबसे ज्‍यादा अमीर?
बिजली पर बवाल : एनडीपीएल की शिकायत में केजरीवाल का नाम नहीं
महाराष्ट्र : एमएसआरटीसी की हड़ताल से यात्री परेशान, 96 बस डिपो पूरी तरह से बंद
Next Article
महाराष्ट्र : एमएसआरटीसी की हड़ताल से यात्री परेशान, 96 बस डिपो पूरी तरह से बंद
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com