कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर को 27 दिसंबर 2021 को एक पत्र लिखा था, जो अब सामने आया है. इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि सरकार के दबाव में उनके ट्विटर फॉलोवर्स को सीमित किया जा रहा है. पत्र में पराग अग्रवाल को ट्विटर का सीईओ बनने की शुभकामनाएं भी दी गई हैं. इस पत्र में आगे लिखा गया है कि दुनियाभर में लोकतंत्र और तानाशाही के बीच की लड़ाई में सोशल मीडिया की भूमिका अहम है. ट्विटर को उसकी ज़िम्मेदारी का हवाला दिया गया है.
"ट्विटर को मोहरा न बनने दें..." : राहुल गांधी का सीईओ पराग अग्रवाल को पत्र
राहुल गांधी ने अहम मुद्दों पर ट्विटर के माध्यम से अपनी आवाज उठाने की बात की है और कहा कि इसके जरिए वे जनता की आवाज उठाते हैं. पत्र में लिखा गया है कि भारत में संस्थागत ढ़ांचों को तोड़ा जा रहा है और परंपरागत मेनस्ट्रीम मीडिया पर कब्जे की कोशिश लगातार जारी है. इसलिए सोशल मीडिया की महत्ता काफ़ी बढ़ गई है. इन सब पृष्ठभूमि के साथ राहुल गांधी ने ट्विटर पर अपने फॉलोवर्स की तादाद नहीं बढ़ने देने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा है कि अगस्त 2021 से हर महीने उनके फॉलोवर्स के बढ़ने की तादाद शून्य कर दी गई है. पत्र में इसको लेकर मीडिया विशेषज्ञों की विवेचना साथ में देने की बात भी की गई है. उदाहरण दिया गया है कि मई 2021 में उनके 6 लाख 40 हज़ार फॉलोवर्स बढ़े थे. कई सालों से ये सिलसिला इसी तरह चल रहा था, लेकिन जुलाई 2021 के बाद ये बंद हो गया है.
राहुल गांधी का आरोप 'सरकार के दबाव' से घटी Twitter पर उनके फॉलोवर्स की संख्या
उन्होंने कहा कि दिल्ली में रेप पीड़िता के परिवार की आवाज उठाई थी, इसके बाद उनके अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया था, जबकि वैसी ही तस्वीर डालने वाले दूसरे अकाउंट्स पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिनमें कई सरकारी अकाउंट भी थे. ये भी आरोप लगाया गया है कि 3 किसान बिल की वापसी संबंधी उनके वीडियो, जो कि सबसे अधिक बार देखा गया था, उसे भी हटा दिया गया. पत्र के अंत में राहुल गांधी ने अपील की है कि ट्विटर आइडिया ऑफ इंडिया को ध्वस्त करने में मोहरा न बने.
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