मुंबई:
बागियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी छोड़ आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ा है, उनके लिए अब से पार्टी के दरवाजे खुले नहीं रहेंगे।
पार्टी उपाध्यक्ष बनने के बाद शुक्रवार को पार्टी की मुंबई इकाई के नेताओं एवं पदाधिकारियों के साथ अपनी पहली बातचीत में राहुल ने कहा कि वह उनसे मिलने आए हैं, ताकि कुछ फलप्रद चर्चा हो और संगठन के प्रभावी कामकाज के लिए कुछ नियम बनें। बताया जाता है कि बैठक में उन्होंने बागियों को फिर से पार्टी में शामिल करने की पुरानी परिपाटी को खत्म करने की संकल्प लेते हुए कहा, पहले उनके लिए दरवाजे खुले रहते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इस बैठक में मीडिया को अनुमति नहीं दी गई थी।
उन्होंने कहा, ये नियम मुझसे लेकर पार्टी के शेष सभी कार्यकर्ताओं पर बाध्यकारी होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि मेधावी कार्यकर्ता के सशक्तिकरण पर वह विशेष बल देंगे। राहुल ने यह भी कहा कि पिछले करीब साल भर से लंबित मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति के मुद्दे के हल के लिए वह पहल करेंगे। पिछले साल नगर निकाय चुनाव में पार्टी की हार के बाद कृपाशंकर सिंह के इस्तीफे के बाद से यह पद खाली है। कृपाशंकर सिंह भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं।
राहुल ने नियुक्ति के विषय पर कहा, यह मेरी जिम्मेदारी है, लेकिन आपको भी बतौर पार्टी कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी होगी। महाराष्ट्र के बड़े हिस्से के सूखे के चपेट में होने के संबंध में उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रभावित जनों को राहत प्रदान करने के लिए पार्टी मशीनरी का उपयोग करने को कहा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत के अनुसार राहुल ने पार्टी संगठन में जान फूंकने के विषय पर कार्यकर्ताओं के विचार जाने।
बैठक में शामिल एक सू़त्र ने कहा कि राहुल मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण एवं प्रदेश के पार्टी प्रभारी मोहन प्रकाश की अनुपस्थिति में पार्टी कार्यकताओं से अलग से मिले। कार्यकर्ताओं ने चव्हाण की कार्यशैली को लेकर शिकायत की। कुछ पार्टी पदाधिकारियों ने मोहन प्रकाश को प्रदेश प्रभारी नियुक्त करने पर सवाल उठाया और कहा कि जब वह जनता दल में थे, तब वह राजीव गांधी एवं सोनिया गांधी के आलोचक थे।
पार्टी उपाध्यक्ष बनने के बाद शुक्रवार को पार्टी की मुंबई इकाई के नेताओं एवं पदाधिकारियों के साथ अपनी पहली बातचीत में राहुल ने कहा कि वह उनसे मिलने आए हैं, ताकि कुछ फलप्रद चर्चा हो और संगठन के प्रभावी कामकाज के लिए कुछ नियम बनें। बताया जाता है कि बैठक में उन्होंने बागियों को फिर से पार्टी में शामिल करने की पुरानी परिपाटी को खत्म करने की संकल्प लेते हुए कहा, पहले उनके लिए दरवाजे खुले रहते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इस बैठक में मीडिया को अनुमति नहीं दी गई थी।
उन्होंने कहा, ये नियम मुझसे लेकर पार्टी के शेष सभी कार्यकर्ताओं पर बाध्यकारी होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि मेधावी कार्यकर्ता के सशक्तिकरण पर वह विशेष बल देंगे। राहुल ने यह भी कहा कि पिछले करीब साल भर से लंबित मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति के मुद्दे के हल के लिए वह पहल करेंगे। पिछले साल नगर निकाय चुनाव में पार्टी की हार के बाद कृपाशंकर सिंह के इस्तीफे के बाद से यह पद खाली है। कृपाशंकर सिंह भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं।
राहुल ने नियुक्ति के विषय पर कहा, यह मेरी जिम्मेदारी है, लेकिन आपको भी बतौर पार्टी कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी होगी। महाराष्ट्र के बड़े हिस्से के सूखे के चपेट में होने के संबंध में उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रभावित जनों को राहत प्रदान करने के लिए पार्टी मशीनरी का उपयोग करने को कहा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत के अनुसार राहुल ने पार्टी संगठन में जान फूंकने के विषय पर कार्यकर्ताओं के विचार जाने।
बैठक में शामिल एक सू़त्र ने कहा कि राहुल मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण एवं प्रदेश के पार्टी प्रभारी मोहन प्रकाश की अनुपस्थिति में पार्टी कार्यकताओं से अलग से मिले। कार्यकर्ताओं ने चव्हाण की कार्यशैली को लेकर शिकायत की। कुछ पार्टी पदाधिकारियों ने मोहन प्रकाश को प्रदेश प्रभारी नियुक्त करने पर सवाल उठाया और कहा कि जब वह जनता दल में थे, तब वह राजीव गांधी एवं सोनिया गांधी के आलोचक थे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
राहुल गांधी, कांग्रेस, मुंबई कांग्रेस, राहुल गांधी का मुंबई दौरा, Congress, Rahul Gandhi, Rahul Gandhi In Mumbai