राहुल गांधी के बयान से उद्धव ठाकरे सरकार के भविष्‍य पर उठे सवाल, कहा-हम महाराष्‍ट्र में प्रमुख डिसीजन मेकर नहीं..

राहुल ने मीडिया की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, 'मैं यहां की स्थिति को कुछ अलग रखना चाहूंगा. महाराष्‍ट्र में हम सरकार का समर्थन कर रहे हैं लेकिन हम महाराष्‍ट्र में प्रमुख डिसीजन मेकर नहकीं हैं. हम पंजाब, छत्‍तीसगढ़, राजस्‍थान और पुडुचेरी में नीति निर्माता (Decision Maker) हैं सरकार को चलाने और इसका समर्थन करने में फर्क होता है.'

राहुल गांधी के बयान से उद्धव ठाकरे सरकार के भविष्‍य पर उठे सवाल, कहा-हम महाराष्‍ट्र में प्रमुख डिसीजन मेकर नहीं..

राहुल गांधी के बयान से अटकलों का दौर शुरू हो गया है

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को एक बयान देकर महाराष्‍ट्र में बनी गठबंधन सरकार (Maharashtra coalition Government) की दो पार्टियों शिवसेना और राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सामने असहज स्थिति पैदा कर दी. गौरतलब है कि इन दोनों पार्टियों ने हाल ही में कहा था कि राज्‍य में कोरोना वायरस आपदा और राज्‍य सरकार की 'लॉकडाउन एक्जिट' रणनीति को लेकर कोई भी मतभेद नहीं है. अपने इस बयान के जरिये राहुल ने उनकी पार्टी और राज्‍य में सत्‍ता में साझीदार दो अन्‍य पार्टियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चलने की अटकलों को और बढ़ाने का काम किया है. राहुल ने मीडिया की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, 'मैं यहां की स्थिति को कुछ अलग रखना चाहूंगा. महाराष्‍ट्र में हम सरकार का समर्थन कर रहे हैं लेकिन हम महाराष्‍ट्र में प्रमुख डिसीजन मेकर नहींं हैं. हम पंजाब, छत्‍तीसगढ़, राजस्‍थान और पुडुचेरी में नीति निर्माता (Decision Maker) हैं सरकार को चलाने और इसका समर्थन करने में फर्क होता है.'

राहुल ने इसके साथ ही कहा, 'मैंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि महाराष्ट्र एक महत्वपूर्ण राज्य है. मुंबई वित्तीय राजधानी है और इस पर लोगों का ध्‍यान केंद्रित है. यहां कठिन स्थिति है और केंद्र की ओर से राज्य पर बहुत ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है.' कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष के इस बयान के बाद गठबंधन को लेकर सवाल उठने थे और वे उठे. इस मुद्दे पर NCP नेता मजीद मेनन ने कहा, 'यह कहना सही नहीं है कि कांग्रेस निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है. कांग्रेस सदस्य मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं, वे बाहर से समर्थन नहीं दे रहे हैं. वे कैबिनेट में हैं और महाराष्ट्र सरकार द्वारा किए गए निर्णय पर हस्ताक्षर करने वालों में कांग्रेस पार्टी भी शामिल है.' 

कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्‍यक्ष की ओर से दिए गए इस बयान को विपक्षी पार्टी बीजेपी ने लपकने में जरा भी देर नहीं लगाई. बीजेपी नेता शाइनी एनसी ने कहा, "राहुल गांधी की ओर से दिया गया यह बयान महाराष्ट्र के लोगों के साथ एक बुरे मजाक की तरह है. ऐसे समय जब मानव जाति संकट का सामना कर रही है, सीएम उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के लोगों के हित में असहयोग के आरोपों का जवाब देना चाहिए." राहुल की टिप्‍पणी के बाद कांग्रेस ने बचाव में उतरते हुए कहा कि उनके नेता की टिप्पणियों को संदर्भ से अलग रखकर पेश किया गया. लेकिन इसके बावजूद महाराष्‍ट्र की गठबंधन सरकार के भविष्‍य को लेकर अटकलों का दौर जोर पकड़ने लगा. इसे एनसीपी प्रमुख शरद पवार की शिवसेना प्रमुख और राज्‍य के सीएम उद्धव ठाकरे के साथ सोमवार शाम को 'मातोश्री' पर हुई बैठक से जोड़कर देखा गया. हालांकि इससे कुछ घंटे पहले शरद पवार और शिवसेना के संजय राउत ने किसी भी तरह की दरार से इनकार 

पवार ने NDTV से कहा था, "महाराष्ट्र सरकार के लिए कोई खतरा नहीं है. सभी विधायक हमारे साथ हैं. इस समय इसे तोड़ने की किसी भी कोशिश के घातक परिणाम होंगे."हालांकि मुख्यमंत्री के साथ पवार की बैठक में कांग्रेस अनुपस्थित थी लेकिन एनसीपी प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र में तीनों गठबंधन सहयोगी साथ हैं और कोविड-19 के खतरे से लड़ने को लेकर एकजुट हैं. एनसीपी नेता ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ अपनी बैठक को भी "शिष्टाचार भेंट" बताया. गौरतलब है कि पवार, राज्‍यपाल और पूर्व बीजेपी नेता कोश्‍यारी आलोचक रहे हैं और राज्य के मामलों में उनके "हस्तक्षेप" को लेकर आपत्ति जताते रहे हैं.

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