विज्ञापन
This Article is From Apr 03, 2021

'भारत में जो कुछ हो रहा है, उसपर US ने चुप्पी साध रखी है'- लोकतंत्र पर बोले राहुल गांधी

राहुल शुक्रवार को पूर्व में भारत में अमेरिका के राजदूत रहे निकोलस बर्न्स के साथ एक ऑनलाइन बातचीत में हिस्सा ले रहे थे. 'चीन और रूस की ओर से पेश किए जा रहे कठोर विचारों के खिलाफ लोकतंत्र के विचार' पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा, 'भारत में जो कुछ भी हो रहा है, उसपर यूएस की सत्ता से कुछ भी सुनने को नहीं मिलता है.' 

'भारत में जो कुछ हो रहा है, उसपर US ने चुप्पी साध रखी है'- लोकतंत्र पर बोले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने पूर्व अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स के साथ चर्चा में लिया हिस्सा.
नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन चर्चा के दौरान दुनियाभर में लोकतंत्र के विचार (Vision on Democracy) पर अपने विचार साझा करते हुए कहा है कि 'भारत में जो कुछ हो रहा है, उसपर यूनाइटेड स्टेट्स ने चुप्पी साध रखी है.' राहुल ने कहा कि 'मैं इस बात में विश्वास करका हूं कि अमेरिका एक अर्थपूर्ण विचार है. यह वो आजादी है, जिस तरह से आपके संविधान में आजादी को जगह दी गई है, लेकिन आपको उस विचार की रक्षा करनी होगी.'

राहुल शुक्रवार को पूर्व में भारत में अमेरिका के राजदूत रहे निकोलस बर्न्स के साथ एक ऑनलाइन बातचीत में हिस्सा ले रहे थे. बर्न्स वर्तमान में हार्रवर्ड केनेडी स्कूल के प्रोफेसर हैं. बर्न्स 'चीन और रूस की ओर से पेश किए जा रहे कठोर विचारों के खिलाफ लोकतंत्र के विचार' पर बात कर रहे थे. इसपर बर्न्स को रोकते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'भारत में जो कुछ भी हो रहा है, उसपर यूएस की सत्ता से कुछ भी सुनने को नहीं मिलता है.' 

उन्होने आगे कहा, 'अगर आप 'लोकतंत्र की भागीदारी' की बात कर रहे हैं तो जो देश में हो रहा है, उसपर आपके क्या विचार हैं? मैं इस बात में विश्वास करका हूं कि अमेरिका एक अर्थपूर्ण विचार है. यह वो आजादी है, जिस तरह से आपके संविधान में आजादी को जगह दी गई है, लेकिन आपको उस विचार की रक्षा करनी होगी. ये असली सवाल है.'

यह भी पढ़ें : आप प्रधानमंत्री की जगह होते तो क्या करते? राहुल गांधी ने दिया ये जवाब

चर्चा के दौरान राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ से 2014 के बाद से भारत के संस्थागत ढांचे पर 'पूरी तरह कब्जा' कर लिया गया है, जिसने विपक्षी पार्टियों के लिए पैराडाइम को बदल दिया है क्योंकि अब ये संस्थाएं, जिनका उद्देश्य न्यायसंगत राजनीतिक लड़ाई को बढ़ावा देना है, अब ऐसा नहीं करती हैं. 

राहुल ने कहा कि 'चुनाव लड़ने के लिए मुझे वो संस्थागत ढांचा चाहिए, ऐसी न्यायिक व्यवस्था चाहिए, जो मेरी रक्षा करता हो, ऐसी मीडिया चाहिए जो तार्किक स्तर तक स्वतंत्र हो, मुझे आर्थिक समानता चाहिए, मुझे ऐसा संस्थागत ढांचा चाहिए, जिससे मुझे एक राजनीतिक पार्टी की तरह ऑपरेट करने में मदद मिले, ये सारी चीजें मेरे पास नहीं हैं.'

उन्होंने कहा कि बीजेपी जिस तरह का रवैया अपना रही है, इससे बहुत से लोग जल्दी असंतुष्ट हो रहे हैं, ऐसे लोगों को साथ लाने की जरूरत है.

क्या मीडिया का एक तबका विपक्ष को दबाता है? 'इशारों-इशारों' में संकेत उपाध्याय के साथ देखिए

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com