दीवार यानी द वॉल के नाम से मशहूर द्रविड साल 1996 में भारतीय टीम का हिस्सा बने
बेंगलूरू:
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व राहुल द्रविड़ ने बेंगलोर यूनिवर्सिटी की मानद डॉक्टरेट की उपाधि लेने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि वह खुद शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से यह उपाधि हासिल करेंगे.
राहुल द्रविड़ बेंगलूरू में ही पले-बढ़े हैं और यही से उन्होंने शिक्षा हासिल की है. बेंगलोर विश्वविद्यालय 27 जनवरी को अपने 52वें वार्षिक सम्मेलन में द्रविड को यह उपाधि प्रदान करना चाहता था.
विश्वविद्यालय के कुलपति बी. थिमे गौड़ा ने बताया कि राहुल द्रविड़ ने मानद उपाधि के लिए उन्हें चुने जाने पर बेंगलोर विश्वविद्यालय का शुक्रिया अदा करने के साथ यह संदेश दिया है कि वह मानद उपाधि लेने के बजाय खेल के क्षेत्र में अनुसंधान करने में किसी तरह का शिक्षण कार्य पूरा करके डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करेंगे.
इससे पूर्व भी द्रविड़ ने 2014 में गुलबर्गा विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षांत समारोह में भाग नहीं लिया था. तब उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि के लिए चुना गया था.
राहुल द्रविड़ ने 2012 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. तब से वे भारत 'ए' और अंडर -19 टीमों के कोच के रूप में युवा खिलाड़ियों को क्रिकेट के गुर बता रहे हैं. वे भारतीय टीम की दीवार यानी द वॉल के नाम से भी मशहूर रहे हैं.
राहुल द्रविड़ बेंगलूरू में ही पले-बढ़े हैं और यही से उन्होंने शिक्षा हासिल की है. बेंगलोर विश्वविद्यालय 27 जनवरी को अपने 52वें वार्षिक सम्मेलन में द्रविड को यह उपाधि प्रदान करना चाहता था.
विश्वविद्यालय के कुलपति बी. थिमे गौड़ा ने बताया कि राहुल द्रविड़ ने मानद उपाधि के लिए उन्हें चुने जाने पर बेंगलोर विश्वविद्यालय का शुक्रिया अदा करने के साथ यह संदेश दिया है कि वह मानद उपाधि लेने के बजाय खेल के क्षेत्र में अनुसंधान करने में किसी तरह का शिक्षण कार्य पूरा करके डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करेंगे.
Rahul Dravid declines Bangalore University Hon. degree, says would like to earn doctrate by accomplishing some academic research in sport pic.twitter.com/pP3xqo7EYz
— ANI (@ANI_news) 25 जनवरी 2017
इससे पूर्व भी द्रविड़ ने 2014 में गुलबर्गा विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षांत समारोह में भाग नहीं लिया था. तब उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि के लिए चुना गया था.
राहुल द्रविड़ ने 2012 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. तब से वे भारत 'ए' और अंडर -19 टीमों के कोच के रूप में युवा खिलाड़ियों को क्रिकेट के गुर बता रहे हैं. वे भारतीय टीम की दीवार यानी द वॉल के नाम से भी मशहूर रहे हैं.
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