नई दिल्ली:
कई रेडियोलॉजिस्ट अपनी मांग को लेकर गुरुवार को जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. उनकी प्रमुख मांग उस कानून में संशोधन करने की है जिसमें कार्य के दौरान हुई मामूली लिपिकीय गलती को लिंग निर्धारण के समान ठहराया जाता है.
इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन (आईआरआईए) ने कहा कि उसने सरकारी अधिकारियों के साथ बुधवार को एक बैठक की और उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनकी मांग पर विचार किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को इस एसोसिएशन ने एक सितंबर से देश भर में बेमियादी हड़ताल पर जाने का आह्वान किया था.
आईआरआईए के अध्यक्ष ओपी बंसल ने कहा, ''सरकार ने हमें आश्वासन दिया है, लेकिन वे हमें गुरुवार तक ही बताएंगे कि उन्होंने क्या सोचा. इस बीच, हम कल जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और हड़ताल पर जाएं या नहीं, इस पर निर्णय करेंगे.''
रेडियोलॉजिस्ट, पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तथाकथित अतार्किक प्रावधानों से नाराज हैं जिसके अनुसार, मामूली भूल के लिए सेंटर सील किये जा सकते हैं, डॉक्टर पर मामला दर्ज किया जा सकता है तथा उनका लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन (आईआरआईए) ने कहा कि उसने सरकारी अधिकारियों के साथ बुधवार को एक बैठक की और उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनकी मांग पर विचार किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को इस एसोसिएशन ने एक सितंबर से देश भर में बेमियादी हड़ताल पर जाने का आह्वान किया था.
आईआरआईए के अध्यक्ष ओपी बंसल ने कहा, ''सरकार ने हमें आश्वासन दिया है, लेकिन वे हमें गुरुवार तक ही बताएंगे कि उन्होंने क्या सोचा. इस बीच, हम कल जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और हड़ताल पर जाएं या नहीं, इस पर निर्णय करेंगे.''
रेडियोलॉजिस्ट, पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तथाकथित अतार्किक प्रावधानों से नाराज हैं जिसके अनुसार, मामूली भूल के लिए सेंटर सील किये जा सकते हैं, डॉक्टर पर मामला दर्ज किया जा सकता है तथा उनका लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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