नई दिल्ली : बीटिंग द रिट्रीट के साथ ही गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का समापन हो गया। विजय चौक पर 66वें गणतंत्र दिवस समारोहों के समापन के मौके पर भारतीय संगीतज्ञों की धुनों से आसमान गूंज उठा।
इस साल के समारोह में भारतीय धुनें छाई रहीं, जिनमें वीर भारत, चन्ना बिलौरी, जय जन्म भूमि और अतुल्य भारत शामिल हैं, जिन्हें दर्शकों की खूब सराहना मिली। 23 में से 20 धुनों को भारतीय संगीतकारों ने तैयार किया था।
समारोह में 15 मिलिट्री बैंड, 18 पाइप और ड्रम बैंड ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। बीटिंग रिट्रीट राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गया है। इसकी शुरुआत 1950 में मेजर रॉर्बट्स ने की थी।
समापन समारोह सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है, जिसमें शाम ढलने के बाद सैनिक लड़ाई बंद कर देते और अपने बैरक में वापस लौट जाते थे। इसी वजह से समापन धुन बजने के दौरान एक ही स्थान पर खड़े रहने की परंपरा आज तक कायम है। समापन पर झंडे उतार दिए जाते हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य गणमान्य लोगों ने सशस्त्र बलों की कई रेजीमेंट के बैंड देखे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राख्ट्रपति थे, जो सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर भी हैं। वह राष्ट्रपति भवन से बख्तरबंद कार में सवार होकर आए, जबकि पिछले साल वह छह घोड़ों वाली बग्घी में आए थे, जिसका इस्तेमाल ब्रिटिश शासन के दौर में वायसराय किया करते थे।
(कुछ अंश भाषा से भी)
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