
पंजाब फ्रंटियर की संयुक्त सीमा आवगमन चौकी अटारी पर 12 दिनों के अंतराल के बाद मंगलवार को 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह फिर से शुरू हुआ. रिट्रीट समारोह मीडिया कर्मियों के लिए आयोजित किया गया था, जबकि आम लोगों को समारोह में शामिल होने की अनुमति नहीं थी.
ध्वज उतारने के समारोह के दौरान सीमा सुरक्षा बल के जवानों और पाकिस्तानी रेंजर्स के बीच हाथ मिलाने का कोई कार्यक्रम नहीं हुआ, जबकि दोनों तरफ के अंतरराष्ट्रीय द्वार भी बंद रहे.

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने आठ मई को 'जन सुरक्षा' के मद्देनजर इस कार्यक्रम में जनता के प्रवेश पर रोक लगा दी थी.
पाकिस्तान के वाघा के सामने अटारी (अमृतसर जिला), गंडा सिंह वाला के पार फिरोजपुर जिले के हुसैनीवाला और फाजिल्का जिले के सादकी में स्थित संयुक्त जांच चौकियों पर पाकिस्तान रेंजर्स के साथ बीएसएफ के जवान हर शाम भारतीय ध्वज को उतारने का समारोह आयोजित करते हैं.

अटारी बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी देश की सीमा सुरक्षा का प्रतीकात्मक प्रदर्शन है, जिसमें ध्वज उतारने की ड्रिल का विशेष महत्व है. इस पारंपरिक प्रदर्शन को देखने के लिए जनता का स्वाभाविक उत्साह उमड़ता है. यह समारोह देशवासियों में सशस्त्र बलों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना को बढ़ाता है और इससे देश के प्रति गर्व और देश सेवा के लिए नई ऊर्जा का संचार होता है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, इस प्रदर्शन को दर्शकों के लिए स्थगित कर दिया गया था. वर्तमान परिस्थितियों में, सीमा सुरक्षा बल का यह कार्यक्रम फिर से जनता के लिए खोला गया है, ताकि देशभक्ति के इस अनूठे प्रदर्शन के माध्यम से सुरक्षा बलों और जनता के बीच जुड़ाव और मजबूत हो एवं सीमा सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढे,
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं