यह ख़बर 11 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी पुतिन की यात्रा : पीएम मोदी

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दिल्ली पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास जताया कि यह यात्रा द्विपक्षीय संबधों को ‘नई ऊंचाइयों’ पर ले जाएगी।

मोदी ने पुतिन के साथ नजदीकी रणनीतिक संबंधों विशेष रूप से परमाणु ऊर्जा, हाइड्रोकार्बन्स और रक्षा के क्षेत्रों में होने वाली बातचीत से पहले रूसी भाषा में ट्वीट किया, राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करते हुए प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने  लिखा, समय बदल गया है, लेकिन हमारी मित्रता में कोई बदलाव नहीं आया है। अब हम इस संबंध को अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं और यह यात्रा उस दिशा में एक कदम है।

पुतिन ने अपनी यात्रा से पहले भारत के साथ अपने देश के संबंधों को ‘विशेषाधिकृत रणनीतिक साझेदारी’ करार देते हुए कहा था कि वार्ता के एजेंडे में सैन्य और तकनीकी सहयोग के साथ ही नए परमाणु संयंत्रों का निर्माण है। उन्होंने कहा कि रूस भारत को एलएनजी निर्यात और आर्टिक में तेल और प्राकृतिक गैस खोज में ओएनजीसी को शामिल करने का इच्छुक है। भारत में ऊर्जा की कमी है और यह अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत रूस में प्रमुख गैस और तेल खोज परियोजनाओं में अधिक भागीदारी को प्रयासरत है तथा दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है।

रूस वैश्विक रूप से शीर्ष तेल उत्पादकों में से एक है और उसके पास प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार हैं।

परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में रूस कुल 20 से 24 परमाणु ऊर्जा उत्पादन इकाइयां भारत में स्थापित करने की पेशकश कर सकता है जबकि पहले 14 से 16 परमाणु संयंत्रों की स्थापना पर सहमति बनी थी। इसके साथ ही दोनों पक्षों के बीच समग्र ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के लिए एक रूपरेखा बन सकती है।

रूसी राजदूत अलेक्सांद्र कदाकिन ने कहा कि दोनों देश कुडनकोलम परमाणु ऊर्जा परिसर में पांच से छह इकाइयां निर्माण पर बातचीत शुरू करेंगे और पुतिन की यहां की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच इकाई तीन और चार के लिए एक तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

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रूस एक नए रूसी डिजाइन का परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण के लिए एक जगह आवंटित करने के लिए भारत के निर्णय का इंतजार कर रहा है और यह मुद्दा भी बातचीत में उठ सकता है।