पुडुचेरी (Puducherry) के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी (CM V Narayanasamy) पिछले तीन दिनों से राजभवन के बाहर धरना दे रहे हैं. उनकी मांग है कि केंद्र सरकार राज्य की उप राज्यपाल किरण बेदी (Lieutenant Governor Kiran Bedi) को वापस बुलाए. उन्होंने आरोप लगाया कि उप राज्यपाल राज्य की चुनी हुई संवैधानिक सरकार को काम करने नहीं दे रही हैं और रोज के कामकाज में रोड़े अटकाती हैं. पुडुचेरी में कांग्रेस की अगुवाई में धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गठबंधन (एसडीए) की सरकार है.
मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के अलावा पीसीसी अध्यक्ष ए वी सुब्रमणियन, उनकी सरकार के मंत्रियों, कांग्रेस विधायकों, कार्यकर्ताओं और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा वीसीके की विभिन्न इकाइयां राजभवन के बाहर धरना प्रदर्शन में हिस्सा ले रही हैं. हालांकि, कांग्रेस की सहयोगी डीएमके की अनुपस्थिति शनिवार को भी चर्चा का विषय रही.
Puducherry CM V Narayanasamy continues his sit-in protest near Raj Nivas for the third day, demanding the Centre to call back Lieutenant Governor Kiran Bedi.
— ANI (@ANI) January 10, 2021
"She isn't allowing elected govt to function & is interfering in day to day administration", says CM V Narayanasamy. pic.twitter.com/7IKIrlzTiU
वीसीके नेता टी तिरुमावलावन और भाकपा की तमिलनाडु इकाई के सचिव मुथारसन ने धरने पर बैठे लोगों को संबोधित किया और ‘‘उप राज्यपाल की अलोकतांत्रिक कार्यशैली'' की आलोचना की. मुथारसन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यदि लोकतंत्र और लोगों के कल्याण में भरोसा करते हैं तो उन्हें हस्तक्षेप कर बेदी को हटाना चाहिए.
किरण बेदी ने पुडुचेरी में 10 साल से चुनाव न होने के प्रधानमंत्री के बयान को सही ठहराया
उन्होंने केंद्र सरकार पर दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन को समाप्त करने के प्रयासों के तहत फासीवादी और निरंकुश रवैया अपनाने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बेदी ने "पुडुचेरी को तमिलनाडु में मिलाकर इसका अलग दर्जा खत्म करने का षड़यंत्र रचा है." उन्होंने प्रधानमंत्री और बेदी पर पुडुचेरी की जनता को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिये प्रयासरत होने का भी आरोप लगाया.
बता दें कि तीन साल पहले साल 2018 में आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म कराने के मुद्दे पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी अपने तीन मंत्रियों संग राजभवन में धरने पर बैठ गए थे. उनका धरना करीब एक सप्ताह तक चला था. दिल्ली सीएम और एलजी के बीच वहां भी लंबे समय तक तकरार चली थी. (भाषा इनपुट्स के साथ)
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