केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कश्मीर में जारी अशांति के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मंगलवार को कहा कि साइबर जगत में लड़ा जाने वाला 'मनोवैज्ञानिक युद्ध' हमारे समय का 'नया खतरा' है। उन्होंने नए युग के इस युद्ध में मुकाबला करने के लिए लोगों से 'सोशल मीडिया सैनिक' बनने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है। पहले पारंपरिक युद्ध होते थे फिर परमाणु युद्ध हुए और फिर 'लिमिटेड इन्टेंसिटी वार' (जैसे करगिल युद्ध) हुआ। लेकिन आज का खतरा साइबर युद्ध है और वह भी इस मनोवैज्ञानिक युद्ध के जरिए। यह मनोवैज्ञानिक युद्ध सबसे बड़ा युद्ध है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में करगिल विजय दिवस मनाने के लिए जम्मू कश्मीर पीपुल्स फोरम द्वारा आयेाजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाल ही में कश्मीर में एक आतंकवादी मारा गया जैसे कि कई अन्य आतंकी मारे जाते हैं।
उन्होंने कहा कि उस आतंकवादी पर करीब 1,25,000 ट्वीट हुए, जिनमें से 49,000 भारत से हुए, 52,000 अज्ञात स्थानों से और 10,000 पाकिस्तान से हुए। सेना के अपने दिनों को याद करते हुए राठौड़ ने कश्मीर का अनुभव साझा किया, जहां एक बार उन्हें आतंकवादियों को मार गिराने के लिए उसके हुलिए की कल्पना करनी पड़ी थी।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है। पहले पारंपरिक युद्ध होते थे फिर परमाणु युद्ध हुए और फिर 'लिमिटेड इन्टेंसिटी वार' (जैसे करगिल युद्ध) हुआ। लेकिन आज का खतरा साइबर युद्ध है और वह भी इस मनोवैज्ञानिक युद्ध के जरिए। यह मनोवैज्ञानिक युद्ध सबसे बड़ा युद्ध है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में करगिल विजय दिवस मनाने के लिए जम्मू कश्मीर पीपुल्स फोरम द्वारा आयेाजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाल ही में कश्मीर में एक आतंकवादी मारा गया जैसे कि कई अन्य आतंकी मारे जाते हैं।
उन्होंने कहा कि उस आतंकवादी पर करीब 1,25,000 ट्वीट हुए, जिनमें से 49,000 भारत से हुए, 52,000 अज्ञात स्थानों से और 10,000 पाकिस्तान से हुए। सेना के अपने दिनों को याद करते हुए राठौड़ ने कश्मीर का अनुभव साझा किया, जहां एक बार उन्हें आतंकवादियों को मार गिराने के लिए उसके हुलिए की कल्पना करनी पड़ी थी।
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