नई दिल्ली:
कश्मीर के सोपोर में सेना को एक अजीबोगरीब हालात से जूझना पड़ा जहां एक ओर वो आतंकियों से लोहा ले रहे थे वहीं दूसरी तरफ उनपर लगातार गोलियां बरसायी जा रही थीं। और तो और हिंसा पर उतारू भीड़ के पथराव से भी बचने की कोशिश कर रहे थे सेना के जवान।
वैसे पहली बार नहीं है कि सेना को ऐसे विपरीत हालात से मुकाबला करना पड़ रहा हो। कश्मीर में सेना के लिये अब ये आम बात हो चली है। सेना के लोग खुलकर तो नहीं लेकिन दबे स्वर में वो जरूर कहते है कि आखिर हम किसके लिये लड़ रहे हैं? सोपोर में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया और उनके पास से एके-47 राइफल, एक पिस्टल और भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया। मारे गए आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े थे।
सेना को जब खुफिया जानकारी मिली कि सोपोर के बोम्मई गांव में आतंकी के छिपे हैं तो सेना ने पुलिस के साथ मिलकर चना मोहल्ला इलाके में स्थित एक घर को घेर लिया। जवान जैसे ही घर के करीब पहुंचे, वहां छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। करीब छह घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दोनों आतंकियों को मार गिराया।
पिछले चार दिनों में आतंकियों के मारे जाने के बाद आसपास के गांव से बड़ी संख्या में युवक मुठभेड़ स्थल वाले इलाके में जमा हो गए। उन्होंने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके। पिछले चार दिनों में सेना ने सात आतंकी मार गिराए हैं। दो जवान भी शहीद हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने अगाह किया है कि पवित्र रमजान के मौके पर आतंकी संगठन लगातार आतंकियों को घुसपैठ के लिए उकसाएंगे और कश्मीर के हालात को खराब करने की कोशिश करेंगे।
वैसे पहली बार नहीं है कि सेना को ऐसे विपरीत हालात से मुकाबला करना पड़ रहा हो। कश्मीर में सेना के लिये अब ये आम बात हो चली है। सेना के लोग खुलकर तो नहीं लेकिन दबे स्वर में वो जरूर कहते है कि आखिर हम किसके लिये लड़ रहे हैं? सोपोर में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया और उनके पास से एके-47 राइफल, एक पिस्टल और भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया। मारे गए आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े थे।
सेना को जब खुफिया जानकारी मिली कि सोपोर के बोम्मई गांव में आतंकी के छिपे हैं तो सेना ने पुलिस के साथ मिलकर चना मोहल्ला इलाके में स्थित एक घर को घेर लिया। जवान जैसे ही घर के करीब पहुंचे, वहां छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। करीब छह घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दोनों आतंकियों को मार गिराया।
पिछले चार दिनों में आतंकियों के मारे जाने के बाद आसपास के गांव से बड़ी संख्या में युवक मुठभेड़ स्थल वाले इलाके में जमा हो गए। उन्होंने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके। पिछले चार दिनों में सेना ने सात आतंकी मार गिराए हैं। दो जवान भी शहीद हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने अगाह किया है कि पवित्र रमजान के मौके पर आतंकी संगठन लगातार आतंकियों को घुसपैठ के लिए उकसाएंगे और कश्मीर के हालात को खराब करने की कोशिश करेंगे।
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